- सहजनवां पुलिस के हाथ लगे पशुओं के कैरियर

- एक ट्रक पर लदे थे 10 जोड़ी बैल, तस्कर नहीं दिखा पाए कागजात

GORAKHPUR: यूपी के विभिन्न जिलों से गोवंशीय पशुओं की तस्करी करके उनको बिहार पहुंचाया जा रहा है। रविवार की रात हाइवे पर चेकिंग के दौरान सहजनवां पुलिस ने पशुओं की तस्करी का मामला पकड़ा तो इस बात का खुलासा हुआ। गायों के साथ-साथ 10 जोड़ी बैलों को लेकर कैरियर गोपालगंज जा रहे थे। छह वाहनों में लदी गायों के कागजात देखकर पुलिस ने छोड़ दिया लेकिन एक वाहन में लादे गए 10 जोड़ी बैलों का कोई कागज कैरियर नहीं दिखा सके। उनके खिलाफ गोवध अधिनियम, पुलिस टीम पर फायरिंग करने और अवैध असलहे रखने का मामला दर्ज करके पुलिस जांच में जुटी है। पुलिस का कहना है कि तीन हजार में खरीदे गए बैलों को तस्कर बाजार में 25 से 30 हजार रुपए में बेचते हैं। इसके पहले गगहा एरिया में पुलिस ने तस्करों का वाहन और उन पर लदी गायों को बरामद किया था।

बैरियर गिराकर रोकी गाडि़यां

पशुओं की तस्करी की जानकारी किसी ने सहजनवां पुलिस को दी। रात में करीब तीन बजे फोरलेन पर पुलिस ने संदिग्ध ट्रक वालों को रोकने की कोशिश की। पुलिस को देखकर ड्राइवर ने रफ्तार बढ़ा दी। बड़गहन में बैरियर गिराकर पुलिस ने ट्रक रोक लिया। जांच में सामने आया कि छह गाडि़यों में गायों और बैलों को लादकर अलग- अलग जगहों पर बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। छह गाडि़यों में गायें लदी हुई थी। उनके साथ में चल रही एक गाड़ी में 10 जोड़ी बैल थे। पशुओं से लदा ट्रक पकड़े जाने की सूचना पर जैतपुर बाजार से जुड़े व्यापारी पहुंच गए।

गोपालगंज ले जाए जा रहे थे बैल

रात में ही थाना पर पंचायत शुरू हो गई। पुलिस का कहना है कि छह वाहनों में लदी गायों को बगल के जैतपुर बाजार में बेचने के लिए लाया जा रहा था। बैलों को लेकर ड्राइवर-खलासी गोपालगंज जा रहे थे। पूछताछ में ड्राइवर की पहचान हरिद्वार के मंगलौर बाजार निवासी मोहम्मद हैदर के रूप में हुई। ट्रक का खलासी संत कबीर नगर जिले के नंदौर गांव का असलम निकला। दोनों बलरामपुर से बैलों को लादकर गोपालगंज ले जा रहे थे। लेकिन उनके पास बैलों का कोई कागज मौजूद नहीं था। इसलिए पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। पुलिस का दावा है कि गायों से संबंधित कागज होने से उनको लेकर उनको लेकर ड्राइवर चले गए।

तीन हजार में खरीद, 30 हजार में रहे बेच

पूछताछ में सामने आया कि पशुओं की तस्करी करके उनको गोपालगंज कोहनी में बेचने ले जाया जा रहा था। बलरामपुर सहित कई जगहों पर तीन हजार में मिलने वाले पशुओं की कीमत 30 हजार रुपए आसानी से मिल जाते हैं। हाइवे से रोजाना पशुओं को लादे दर्जनभर से अधिक गुजर जाते हैं। लेकिन पेट्रोलिंग पर निकली पुलिस को इसकी भनक नहीं लगती। पशु ढोने के लिए 40-50 हजार रुपए का भाड़ा देकर तस्कर ट्रक इस्तेमाल करते हैं। अच्छी कमाई होने से कई बार पुलिस भी आंख मूंद लेती है।

खर्च और कमाई

- 07-08 रुपए खर्च होते हैं बैल-गाय ढोने में।

- 720 रुपए खर्च होते हैं बैल को चढ़ाने और उतारने में।

- 40 से 60 हजार रुपए खर्च होते हैं ट्रक के भाड़े के मद में।

- 03 हजार रुपए एक बैल की कीमत है बलरामपुर के बाजार में।

- 25 से 30 हजार रुपए में बैल बिकते हैं गोपालगंज के बाजार में।

वर्जन

सात ट्रक वालों को रोककर तलाशी ली गई। छह में गायें लदी थीं। उनको जैतपुर बाजार में ले जाया जा रहा था। एक ट्रक में लदे बैल के संबंध में कोई कागजात ट्रक ड्राइवर के पास नहीं थे। उसने पुलिस टीम पर गोली भी चलाई।

राकेश सिंह यादव, इंस्पेक्टर, सहजनवां