- पुलिस ने तीन आरोपी दबोचे, चार आरोपी अभी फरार

- तेल सप्लाई करने वाले ही तेल की चोरी में थे संलिप्त

- प्लॉट मालिकों के साथ मिलकर खोदी थी पाईप लाइन

- तेल के पाइप में टेक्निशियन ने किया था पाइप का लिंक

- दिल्ली के रहने वाले लोगों ने मेरठ में किया था यह खेल

- सीमेंट गोदाम के पीछे था तेल खाली करने का गोदाम

- लंबे समय से चल रही थी तेल चोरी करने की प्लानिंग

- अभी कई शातिरों के पकड़े जाने के बाद खुलेंगे राज

Meerut : परतापुर एरिया में तेल चोरी के खुलासे के बाद एक बार फिर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया, जिसमें कई बड़े-बड़े तेल के शातिर माफियाओं का हाथ सामने आया। इन्होंने तेल की पाईप लाइन में ही छेद कर दिया। इन्हें पता था कि तेल की पाईप लाइन से तेल कैसे निकाला जा सकता है। और फिर शुरू हुआ बड़ा खेल। इस खेल में तीन शातिर खिलाडि़यों को पुलिस ने दबोच लिया। इस खेल में चार खिलाड़ी अभी बाकी हैं और दो पहले ही जेल जा चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी भी घर के भेदी को खोजने में लगी है, जिसने इस पाईप लाइन में छेद करवा दिया।

यह था मामला

डुंगरावली गांव के जंगल में नरेंद्र चौधरी और ज्ञानेंद्र चौधरी का प्लॉट है। ज्ञानेंद्र चौधरी होर्डिग माफिया भी बताया जाता है। इन दोनों के प्लॉट में जमीन से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की पाइप लाइन निकल रही है। यह डीजल की पाइप लाइन हरियाणा के पानीपत से मेरठ ऑयल डिपो तक बिछी है। तेल डिपो में तेल का प्रेशर नापने वाली सुई कई बार ऊपर नीचे हुई। जो तेल के लिकेज का संकेत था। आखिर में क्म् फरवरी की रात पेट्रोलिंग टीम इस लिकेज का कारण खोज निकाला। यह तेल लिकेज इसी प्लॉट के अंदर था। जहां पाईप लाइन से तेल लीकेज नहीं बल्कि चोरी हो रहा था।

ये पकड़े गए

यहां मौजूद एक ईंट के ट्रक में टैंकर लगा था। जिसमें तेल चोरी करके भरा जा रहा था। इस बीच आरोपी मौके से फरार हो गए थे। इस मामले में आईओसी के चीफ मैनेजर राजीव सहगल ने थाने में प्लॉट के मालिकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पुलिस ने दोनों प्लॉट मालिकों ज्ञानेंद्र चौधरी और नरेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में पुलिस कई और लोगों की भी तलाश थी। इसी क्रम में पुलिस ने शुक्रवार को तीन आरोपियों को और दबोच लिया। इनमें एक निवाड़ी गाजियाबाद का सत्ते पुत्र बिहारी लाल, दूसरा सुकरमपाल पुत्र हुकम सिंह और तीसरा गामड़ी गांव परतापुर का बबलू पुत्र सोहनपाल शामिल है।

यह था खेल

पुलिस के अनुसार इस मामले में अभी चार आरोपी और भी हैं, जिनमें संत नगर बुराड़ी दिल्ली का विजय प्रकाश पुत्र रामचेत, दिल्ली का ही अजय उर्फ बबलू, राजकुमार गुलाटी और दिल्ली का ही टिंकू चौधरी पुत्र तेज सिंह यादव जो हाल में मलियाना टीपी नगर में रह रहा था। इन चारों में पुलिस के अनुसार राजकुमार गुलाटी तेल कंपनियों में टैंकर के जरिए तेल सप्लाई का टेंडर लेता है। राजकुमार के यहां सत्ते तेल का टैंकर चलाता है। राजकुमार ने सत्ते की जान पहचान विजय प्रकाश से कराई और आईओसी पाईप लाइन से तेल चोरी करके बेचने की योजना बनाई। इन लोगों को पता था कि पाईप लाइन कहां से होकर आ रही है।

योजना चढ़ी परवान

राजकुमार और विजय ने सत्ते को एक पुराना ट्रक हाफ डाला यूपी क्ख्बीटी 9भ्ख्भ् खरीदा। इसके बाद इस ट्रक में एक टैंकर रखवाया। इस ट्रक को ऐसा कर दिया कि वह देखने में ईट ढोने वाला ट्रक लगता था। ज्ञानेंद्र और नरेंद्र को अपने यहां से तेल की पाईप लाइन के जाने का पता था। इसके चलते राजकुमार और विजय ने ज्ञानेंद्र से संपर्क किया। जहां इन दोनों ने योजना के तहत प्लॉट को फ्भ् हजार रुपए किराए पर ले लिया। साथ ही जो तेल चोरी करके बेचा जाता उसमें भी हिस्सेदारी दी गई। इसके साथ ज्ञानेंद्र और नरेंद्र ने अपने प्लॉट की चारदीवारी करवा दी, ताकि कोई इस खेल को ना समझ सके।

ऐसे लगाई गई सेंध

पाईप लाइन तक पहुंचने के लिए सत्ते, सुकरमपाल और बबलू ने मिलकर गड्ढा खोदकर सुरंग बनाई। इसके बाद दिल्ली के एक टेक्निशियन अजय उर्फ बबलू को लाया गया। यहां बबलू ने मशीन के जरिए सारी फिटिंग की। इन लोगों ने तेल चोरी करके उसे बागपत रोड पर सीमेंट के गोदाम के पीछे टिंकू चौधरी के गोदाम में सप्लाई की योजना बनाई। सबसे पहले इन लोगों ने ख्म् जनवरी को तेल चोरी किया। जिसको टिंकू चौधरी के यहां अनलोड किया। इसके बाद लगातार यही खेल चलता रहा। क्म् फरवरी को मामला खुलकर सामने आ गया।

अभी और भी हैं चोर

पुलिस के अनुसार ये लोग सत्ते, सुकरमपाल और बबलू को बीस-बीस हजार रुपए महीने के देते थे। यह पैसा इनके लिए काफी था। एसएसपी के अनुसार इस खेल में फरार ये चारों लोग जब पकड़े जाएंगे तो कई और राज खुलकर सामने आएंगे। बताया गया कि सत्ते ने सबसे पहले क्998 में सतीश मल्होत्रा के यहां काम किया था, इसके बाद शंकर बंसल के यहां बिजली के तेल की सप्लाई का कम किया था, फिर साबू के यहां और इसके बाद राजकुमार गुलाटी के यहां काम किया। शंकर बंसल के यहां उसने ख्009 से लेकर ख्0क्फ् तक काम किया। एक बार में ये लोग पंद्रह से बीस हजार लीटर तेल चोरी करते थे। पुलिस के अनुसार अभी इस मामले में घर के भेदी की भी तलाश की जा रही है। क्योंकि यह काम बिना किसी कर्मचारी की मिली भगत के हो ही नहीं सकता। फिलहाल जांच जारी है।

इस मामले में अभी चार और आरोपी बाकी हैं। जो इस खेल के मास्टरमाइंड भी हैं। इनके पकड़े जाने के बाद कई राज खुलकर सामने आएंगे। साथ ही कंपनी के कर्मचारियों पर भी संदेह बरकरार है। अभी जांच चल रही है और पकड़े गए आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है।

- ओंकार सिंह, एसएसपी