- जनवरी से शुरूहुआ पुलिस का 15 दिवसीय अभियान

- अभी सिर्फ तीन बच्चों की हो सकी है बरामदगी

आगरा। पुलिस द्वारा शुरू की गई मासूमों की 'तलाश' फाइलों में गुम होकर रह गई है। अभियान के तहत पुलिस ने तीन बच्चे बरामद किए। अभी गुमशुदा बच्चों की लिस्ट लम्बी है। बावजूद इसके अभियान गति पकड़ने के बजाय धीमा पड़ गया है। ऐसे में कितने मासूमों को पुलिस उनके घर लौटा पाती है, ये देखना होगा।

हाल ही में चलाया था अभियान

पुलिस ने ऑपरेशन 'तलाश' के नाम से 15 दिवसीय अभियान चलाया। ऑपरेशन तलाश 11 जनवरी को शुरु हुआ। इसमें सभी थाना क्षेत्रों को लापता बच्चों की तलाश के लिए निर्देशित किया गया। विभिन्न थाना क्षेत्रों से एसपी सिटी ऑफिस गुमशुदा बच्चों की लिस्ट दी गई। इसमें 58 बच्चे लापता थे। इनके साथ नाबालिग लड़कियों की लिस्ट शामिल थी। कुल 150 लापता बच्चों की लिस्ट सौंपी गई थी। एनजीओ से पुलिस टीम ने कोई संपर्क नहीं किया। अभियान के दौरान जहां अधिक से अधिक बच्चों की बरामदगी होनी थी, वहां पर मात्र तीन बच्चे ही बरामद हो पाए। लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखा।

एसपी सिटी के थे निर्देश

एसपी सिटी के निर्देश थे कि गुमशुदा बच्चों का विवरण जुटाया जाए। इंवेस्टीगेशन ऑफिसर मासूमों की बरामदगी कराकर अभियान को सफल बनाएं। गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए एनजीओ को भी साथ लिया जाएगा। बरामद बच्चों को सूचीबद्ध कर एसपी सिटी को भेजी जाए।

थानास्तर पर हो जनसुनवाई

एनजीओ महफूज सुरक्षित बचपन के पश्चिमी उप्र। के को-ऑर्डिनेटर नरेश पारस के मुताबिक पुलिस ने अभियान चलाया था। लेकिन अभियान के दौरान किसी थाना क्षेत्र ने उनसे सम्पर्क नहीं किया। जबकि वह संस्था के माध्यम से दो जनसुनवाई आगरा, दो जनसुनवाई राज्य स्तर लखनऊ व एक जनसुनवाई राष्ट्र स्तर की दिल्ली में करा चुके हैं। नरेश पारस के मुताबिक इन मामलों में थानास्तर पर जनसुनवाई होनी चाहिए। आईपीएस अधिकारी इसकी समीक्षा करें। पहले गुमशुदा प्रकोष्ठ में बैठक होती थी तो इन मामलों में बुलाया जाता था। लेकिन पिछले तीन महीने से बैठक का पता नहीं है।

अब भी पुलिस कर रही है काम

पुलिस का ऑपरेशन तलाश पहले से चल रहे ऑपरेशन स्माइल में विलय हो गया है। एसपी सिटी का कहना है कि पुलिस लगातार गुमशुदा बच्चों की तलाश कर रही है। ऑपरेशन स्माइल के तहत इनकी तलाश चल रही है। इस मामले में जल्द ही बैठक रखी जाएगी, जिसमें एनजीओ को भी शामिल किया जाएगा।