आगरा। जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले पुलिसकर्मियों का परिवार दहशत की जिन्दगी जीने को मजबूर हैं। पुलिस लाइन के सरकारी मकानों की जर्जर स्थिति से कभी भी बड़े हादसा हो सकता है।

सदर तहसील स्थित पुलिस लाइन में शुक्रवार रात पुलिसकर्मी जितेन्द्र कुमार के मकान की छत्त भरभरा कर ढह गई। गनीमत रही की उस समय परिवार मकान में मौजूद नहीं था। वहीं जितेन्द्र भी अपनी डयूटी पर थे। हादसे से दूसरे मकानों में रहने वाले पुलिसकर्मियों का परिवार दहशत में है।

डरा रही जर्जर छत्त और दरारें

पुलिस कर्मियों के सरकारी आवास वर्तमान में जर्जर स्थिति में हैं। उनमें रहने वाले परिवार दहशत की जिन्दगी जी रहे हैं। दैनिक जागरण-आई नैक्स्ट की टीम ने शनिवार को पुलिस कर्मियों के परिवार के सदस्यों से स्थिति की जायजा लिया। जहां महिलाओं ने अपने मकानों की स्थिति दिखाते हुए विभागीय अधिकारियों पर निष्क्रिय बताया।

कमरों में भरता सीवर का पानी

पुलिस लाइन में रहने वाले परिवार नर्कीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बारिश के अलावा समान्य दिनों में भी सीवर का गंदा पानी उनके घरों में प्रवेश कर जाता है। हालांकि दूसरे मालय पर रहने वाला स्टाफ इस समस्या से अछूता है। बारिश के दिनों में छत से गिरता पानी दरारों को और बढ़ा देता है। वहीं घरों के पीछे गंदगी का अम्बार लगा है, जिसे महिनों से साफ नहीं किया गया। इससे बीमारी की आशंका बनी रहती है।

आंधी-तुफान बारिश से दहशत

पुलिस लाइन में सी 23 में रहने वाले पुलिसकर्मी के मकान की छत पूरी नीचे धसक गई। गनीमत रही की उस समय परिवार का एक भी सदस्य कमरे में मौजूद नहीं था, वहीं गृह स्वामी भी अपनी डयूटी पर इससे बड़ा हादसा होने से बच गया। स्थानीय लोगों का कहना था कि इन मकानों को बहुत अधिक समय नहीं हुआ है। परिवार में खुशी का माहौल जर्जर मकानों में आंधी-तूफान और बारिश की आहट से दहशत

में बदल जाता है।

अधिकारियों को कर रहे गुमराह

पुलिस लाइन में आलाधिकारियों का आवागमन बना रहता है, जहां से पुलिस लाइन की डबल स्टोरी स्पष्ट दिखाई देती है, उसको टिप-टॉप कर रखा है। जिससे अधिकारियों को सब ठीक नजर आए, लेकिन स्थिति कुछ और ही बनी है।

आदेश पर खानापूर्ति

पुलिस लाइन में जर्जर मकानों की समस्या देख एसएसपी अमित पाठक ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्या निस्तारण के निर्देश दिए हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि आदेश के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।