किसने मारा मेहरचंद को
पहली थ्योरी
2 जून - शनिवार को हत्या वाले दिन पुलिस ने कहा था कि चार युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके मेहरचंद कसाना की हत्या कर दी, जिन्हें शूटर्स बताकर कुख्यात बदन सिंह बद्दो का भी नाम उछला था।
दूसरी थ्योरी
3 जून - पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मेहरचंद कसाना की मौत गोली लगने से नहीं, बल्कि धारदार हथियार से हुई है। जिससे पुलिस की प्रारंभिक जांच पर ही सवाल खड़े हो गए। और पुलिस दूसरे एंगल को तलाशने लगी।
तीसरी थ्योरी
4 जून- अब पुलिस के मुताबिक
कसाना गेस्ट हाउस में रेंट को लेकर तीन युवकों से झगड़ा हुआ था। उन्होंने मेहर चंद कसाना के सिर पर लोहे की रॉड मारकर हत्या कर दी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उलझी है मेहर चंद कसाना की मौत की गुत्थी
हत्या में नामजद पपीत व उदयवीर को पुलिस ने दी क्लीनचिट
Meerut। कसाना गेस्ट हाउस के मालिक मेहर चंद कसाना की मौत की गुत्थी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उलझा दिया है। हत्या के तीन दिन बीतने के बावजूद भी पुलिस इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई कि आखिर मेहरचंद कसाना की हत्या किसने की। यही नहीं, पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के बाद जांच की दिशा ही बदल दी है।
आरोपियों को क्लीनचिट
हत्या के तीसरे दिन पुलिस ने इस केस में नामजद रिपोर्ट में आरोपियों को लगभग क्लीनचिट दे दी है। एसएसपी राजेश पांडे का कहना है कि हत्या में नामजद पपीत और उदयवीर से पूछताछ कर ली है। हत्या के समय में घर में ही पाए गए। अब पुलिस दूसरे एंगल पर जांच कर रही है।
अब किराये की कहानी
पुलिस ने अब नई कहानी कही है। पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया छानबीन में निकलकर आया है कि कसाना गेस्ट हाउस में रेंट को लेकर तीन युवकों से झगड़ा हुआ था। उन्होंने मेहर चंद कसाना के सिर पर लोहे की रॉड मारकर हत्याकर जंगल की ओर फरार हो गए।
बदल गई पूरी कहानी
अब मेहर चंद कसाना की हत्या की पूरी कहानी को ही पुलिस ने बदल दिया है। दो दिन पहले तक पुलिस दावा करती रही कि पैरोकारी करने की वजह से बदमाशों ने मेहर सिंह कसाना की हत्या कराई है, लेकिन अब पुलिस का कहना है कि मेहर चंद कसाना की मौत लेनदेन को लेकर हुई है।
पुलिस के दावों पर उठे सवाल
1- दावा
पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली चलना नहीं आया है मेहर चंद कसाना की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई है।
सवाल
अगर गोली नहीं चली थी तो गोली की आवाज कहां से आई थी। आवाज सुनकर आसपास के लोग क्यों एकत्रित हुए थे।
2- दावा
पुलिस ने बताया कि पपीत और उदयवीर वारदात के समय घर पर ही थे, उनका हत्या से लेनादेना नहीं है।
सवाल
पपीत व उदयवीर नेक के खिलाफ मुकदमा ही क्यों दर्ज किया गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से पहले ही जांच क्यों नहीं की, जबकि वह कोई भी मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच करती है।
3- दावा
पुलिस के मुताबिक गवाही देने वाला दिमागी रूप से कमजोर है, उसका दिमागी उपचार चल रहा है।
सवाल
अगर गवाही देने वाला दिमागी रूप से कमजोर था तो पुलिस ने उसकी गवाही को पहले सच क्यों मान लिया? पुलिस ने न तो उस युवक के इलाज के कागज देखे और न ही उसके डॉक्टर से इसकी पुष्टि की। मुमकिन है कि उस युवक के परिजनों ने उसे पुलिस के झमेले और बदमाशों के निशाने से बचने के लिए उसे दिमागी रूप से कमजोर बताया हो।
4- दावा
पुलिस का कहना है कि संजय गुर्जर की हत्या से मेहरचंद कसाना की हत्या का कोई लेना देना नहीं है। यह लेन देन के विवाद में हत्या हुई है।
सवाल
सात साल पहले मेहर चंद कसाना के बेटे संजय गुर्जर की हत्या हो गई थी। मेहर चंद कसाना ने बदन सिंह बद्दो समेत कई लोगों पर हत्या का शक जाहिर किया था। सदर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। अब इस केस में सुनवाई चल रही है। आखिर पुलिस ने इस एंगल को किस मजबूत आधार पर खारिज कर दिया।