- साथ काम करने वालों को भी नहीं दिखाया था सरगना ने अपना घर

- पुलिस ने घर पर दो बार दी दस्तक, लेकिन नहीं लगा हाथ

- कई शहरों में लोगों को लगाया चूना, जांच में शामिल किए जा रहे मामले

आगरा। कॉल सेंटर से लोगों को अपना शिकार बनाने वालों के कं प्यूटर ने कई बड़े राज खोले हैं। कंप्यूटर की हार्ड डिस्क से पुलिस टीम को करीब ढाई लाख नाम मिले हैं, जिनके बारे में आशंका जताई जा रही है कि शातिरों ने इन्हें भी चूना लगाया गया है। पुलिस उनसे सम्पर्क कर मामले का संज्ञान ले रही है। साथ ही उनके साथ हुए फ्रॉड को विवेचना में शामिल किया जा रहा है। गैंग का सरगना अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

हार्ड डिस्क में कई नाम मिले

सूत्रों के मुताबिक साइबर टीम को सद्दाम के ऑफिस से एक कम्प्यूटर मिला था। उसकी हार्ड डिस्क में फेक कॉल का डाटा मिला है। इसकी जांच की गई तो कई बीमा पॉलिसी धारकों के नाम प्रकाश में आए। ऐसे नामों की संख्या दो से ढाई लाख के आस-पास है। इनमें से कई नाम ऐसे हैं, जिनको फ्लैट दिलाने के नाम पर शिकार बनाया गया।

दो हफ्ते की कमाई लाखों में

जांच में एक और बात निकल कर आई है। 14 दिनों की फेक कॉल को चेक किया गया है। इन कॉलों से शातिरों ने नौ लाख 61 हजार 749 रुपये जुटाए। पुलिस पीडि़तों से संपर्क कर रही है।

अंतराज्जीय लोगों को बनाया शिकार

शातिरों ने आगरा के अलावा कानपुर से एक, हरियाणा, पंजाब में भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। ऐसे 11 लोगों के नाम सामने आए हैं। इन लोगों को शातिरों ने करीब 50 लाख का चूना लगाया है।

सरगना की तलाश में कार्रवाई तेज

नेटवर्क का सरगना आदर्श शुक्ला अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस उसके घर पर दो बार दबिश दे चुकी है, लेकिन वह नहीं मिला। सरगना के बारे में बताया गया है कि वह अपने साथ काम करने वालों को भी घर नहीं दिखाता था।

बचाव में आया वकील का फोन

सूत्रों के मुताबिक नौशाद को टीम ने दिल्ली से दबोचा था। इसके बाद पुलिस उसके ऑफिस गई, लेकिन वहां पर कम्प्यूटर नहीं मिला। लेकिन, वहां पर कंप्यूटर की लीड मिलीं। बताया जाता है कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद उसके बचाव में एक वरिष्ठ अधिवक्ता का कॉल भी पुलिस टीम के पास आया था। टीम का मानना है कि सरगना के पकड़ में आने पर कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।