हत्याकांड के मामले में एक को भेजा जेल

आगरा। रस्सी को सांप बनाना हो तो पुलिस से उम्मीद करना कोई बड़ी मुश्किल बात नहीं है। ऐसा ही कुछ कारनामा आगरा पुलिस ने कर दिया है। आरोपी दो थे, लेकिन उन्हें तीन बना दिया। मामला भी संगीन था, जिसमें पुलिस ने संवेदनहीनता और बड़ी लापरवाही दिखाई है। मामला थाना एत्माद्उद्दौला पुलिस से जुड़ा हुआ है। जहां शुक्रवार को एक हत्या के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों का नाम दर्ज किया, लेकिन हकीकत ये थी कि इसमें एक आरोपी के दो नाम थे। उन्हें उर्फ लिखने के स्थान पर एक आरोपी के तैर पर दर्ज कर लिया। अब अपनी भूल पर पुलिस लीपापोती करने में जुटी है।

लैटर लिखकर मरा था युवक

थाना एत्मादउद्दौला स्थित सती नगर नरायच में युवक की हत्या हुई थी। फिलहाल पुलिस हत्यारों की तलाश कर रही है। जबकि पुलिस ने एक हत्यारोपी को पहले ही पकड़कर जेल भेज दिया। पुलिस दूसरे से पूछताछ कर रही थी। अब पुलिस जांच की बात कर रही है। साथ ही हत्या में आरोप दो लोगों पर हैं, जबकि मुकदमा तीन के खिलाफ लिखा गया है। दरअसल, सती नगर निवासी धर्मेद्र शर्मा पुत्र अशोक शर्मा ने अपनी मौत से पहले ही एक पत्र लिखा। इसमें 3.68 लाख रुपये के लेन-देन की बात लिखी। उसमें उसने तीन नाम अम्ब्रेश, हनुमंत व सौरभ लेकिन हनुमंत को उसने कोस्टक में लिखा था इसके आगे सौरभ लिखा था। परिजनों ने भी तहरीर में तीनों नामों को अलग-अलग लिखा। पुलिस ने बिना छानबीन के तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा लिख लिया। जबकि बताया जाता है कि हनुमंत और सौरभ एक ही युवक के नाम हैं।

पहले पकड़ा, फिर छोड़ा हत्यारोपी

सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने पहले हनुमंत को पकड़ा था उससे पूछताछ की। इसकी निशानदेही पर अम्ब्रेश को पकड़ लिया। लेकिन इसके बाद हनुमंत को छोड़ दिया। पुलिस की मानें तो तहरीर और लैटर में लिखे नामों को लेकर कुछ गलतफहमी हुई थी। इसके चलते तीन के खिलाफ मुकदमा हो गया। पुलिस हनुमंत उर्फ सौरभ की जांच कर रही है। पुलिस उसे फरार नहीं मान रही है। इसके चलते ही उसे पूछताछ के बाद छोड़ा गया। पुलिस ने इस मामले में कॉल डीटेल निकलवाई है और कुछ नंबर सर्विलांस पर भी डाले हैं। साथ ही मृतक के पास से मिले पत्र से हैंड राइटिंग मिलान किया जा रहा है।