आनलाइन एफआईआर दर्ज करने के मामले में बरेली पुलिस फिसड्डी

सीसीटीएनएस के तहत सिर्फ 6 थानों में ही दर्ज हो रही आनलाइन एफआईआर

<आनलाइन एफआईआर दर्ज करने के मामले में बरेली पुलिस फिसड्डी

सीसीटीएनएस के तहत सिर्फ म् थानों में ही दर्ज हो रही आनलाइन एफआईआर

BAREILLY:

BAREILLY: पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए सीसीटीएनएस योजना के तहत यूपी पुलिस को पूरी तरह से आनलाइन किया जा रहा है। जिसके तहत थानों में आनलाइन एफआईआर दर्ज करने के निर्देश हैं। लेकिन वर्षो से कलम घिसने वाले मुंशी माउस चलाने से दूर भाग रहे हैं। उन्हें लगता है कि माउस उन्हें काट न ले। उनकी उंगलियां भी बोर्ड पर काम करने वक्त कांपने लगी है। शायद यही वजह है कि यूपी में बरेली जिला भी आनलाइन एफआईआर के मामले में फिसड्डी चल रहा है। यूपी पुलिस के टेक्निकल डिपार्टमेंट द्वारा फिसड्डी जिलों को जमकर फटकार लगायी जा रही है।

पूरी तरह से स्विच आफ कर देते हैं कंप्यूटर

सीसीटीएनएस के तहत सभी थानों में आनलाइन एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। जिन थानों में आनलाइन एफआईआर नहीं हो रही है तो उन्हें आफ लाइन एफआईआर दर्ज करनी है। आफलाइन एफआईआर दर्ज करने वाले थानों को भी कुछ घंटों के लिए कंप्यूटर सिस्टम ऑन रखना है ताकि सिस्टम सिंक कर एफआईआर को आनलाइन कर ले लेकिन ज्यादातर थाने कंप्यूटर को पूरी तरह से ही स्विच आफ कर देते हैं। सिस्टम यूपी के क्म्8क् थानों में प्रत्येक घंटे सिर्फ एक मिनट के लिए पहुंचता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि थानों में तैनात मुंशी कंप्यूटर और माउस को हाथ लगाने से दूर भागते हैं। उन्हें हाथ से ही एफआईआर लिखने में मजा आता है।

तरह-तरह के बाते हैं बहाना

ऐसा नहीं है कि इन मुंशियों को ट्रेनिंग नहीं दी गई लेकिन इसके बावजूद भी वे कम्प्यूटर से दूर भागते हैं। किसी तरह की प्राब्लम के लिए हैंड होल्डिंग स्टाफ भी सर्किल वाइज लगाए हैं जो फोन करने पर तुरंत प्राब्लम दूर करते हैं। इसके अलावा हेड ऑफिस और डिस्ट्रिक्ट आफिस में भी हेल्पलाइन नंबर हैं। लेकिन मुंशी जी हैं कि कोई न कोई बहाना बनाकर कंप्यूटर ही आफ कर देते हैं। कोई बहाना बनाता है कि लाइट नहीं आयी तो कोई कहता है कि जेनरेटर में तेल नहीं है।

अब तक सिर्फ ख्0म्

बरेली में महिला थाना और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना मिलाकर कुल मिलाकर फ्क् थाना हैं। इनमें से सिर्फ म् थानों में ही ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जा रही है। ख्भ् थानों में आनलाइन एफआईआर न होना साफ-साफ बता रहा है कि पुलिसकर्मी किस तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। क् नवंबर ख्0क्ब् से क्9 फरवरी ख्0क्भ् तक सिर्फ ख्0म् एफआईआर ही ऑनलाइन दर्ज की गई हैं। जबकि इतनी एफआईआर तो सिटी के कुछ थानों में ही इतने दिनों में आफलाइन दर्ज की गई होंगी। यदि सिर्फ जनवरी की ही बात करें तो सिर्फ क्क् ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की गई। बरेली डिस्ट्रिक्ट के अलावा रेंज के तीन जिलों का भी कुछ यही हाल है।

आनॅलाइन एफआईआर के मामले में बरेली फिसड्डी जिलों की लिस्ट में है। इस संबंध में जिले के पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। जल्द ही बरेली में विजिट की जाएगी।

डी के चौधरी, डीआईजी टेक्निकल सर्विस, यूपी पुलिस