- दिनभर मुस्तैद रही फोर्स, डटे रहे अफसर

-कैमरों की निगहबानी में रहे गलियां- चौराहे

GORAKHPUR: तिवारीपुर एरिया में शुक्रवार को पुलिस की सक्रियता बनी रही। डीएम-एसएसपी ने इलाके का भ्रमण करके जायजा लिया। सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस हर गली-चौराहे की निगहबानी करती रही। ड्रोन कैमरों से लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी गई। जुमा की नमाज सकुशल निपटने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली। उधर गुलरिहा एरिया में दो समुदाय के बीच बवाल में सिपाही की लापरवाही सामने आने पर एसएसपी ने कार्रवाई की। एसएसपी ने सिपाही को सस्पेंड कर दिया। हालांकि तिवारीपुर में फजीहत झेलने के बावजूद दोषी पुलिस कर्मचारियों को अभयदान दे दिया गया। इसको लेकर भी महकमे में खूब चर्चा रही।

शुक्रवार दोपहर बाद ली राहत की सांस

तिवारीपुर, निजामपुर मोहल्ले में एक शैक्षणिक संस्थान पर लाउस्पीकर को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे। मंगलवार को दोनों पक्षों की पंचायत बुलाई गई। इस दौरान बाहर खड़े लोगों ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने सख्ती बरतकर उत्पातियों को खदेड़ा। इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। आईजी, कमिश्नर, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। बवाल के लिए जिम्मेदार रिटायर प्रिंसिपल के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। दोनों पक्षों के 15 से अधिक लोगों का चालान करके पुलिस अन्य की तलाश में जुटी है। शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए फोर्स डटी रही। हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन कैमरों की मदद ली गई। इस दौरान डीएम- एसएसपी ने इलाके का इंस्पेक्शन भी किया।

सिपाही पर गिरी गाज, बच गए जिम्मेदार

तिवारीपुर की घटना से पुलिस अधिकारियों ने सबक लिया है। दो समुदायों के बीच किसी तरह की सूचना को गंभीरता से लिया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया कि ऐसे मामलों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुलरिहा एरिया के हरसेवकपुर नंबर दो, मुसलमान टोला में दो समुदाय के बीच विवाद में कांस्टेबल पर गाज गिरी। हॉक दस्ता के सिपाही शैलेंद्र कुमार को दोषी पाते हुए एसएसपी ने शुक्रवार को उसे सस्पेंड कर दिया। हालांकि तिवारीपुर के मामले के जिम्मेदार पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की। फजीहत झेलने के बावजूद अफसरों ने उन पुलिस कर्मचारियों को बख्श दिया जिनकी वजह से बवाल बढ़ा। इस प्रकरण में भी पुलिस अधिकारी कुछ लोगों को दोषी मान चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।