-नौबस्ता हाफ एनकाउंटर में सवालों के घेरे में पुलिस, परिजनों ने सबूतों के साथ बताया फर्जी

-नौबस्ता में पुलिस ने शुक्रवार देर रात मुठभेड़ में शातिर महबूब अख्तर को पैर में मारी गोली, कोर्ट ने शनिवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा

- परिजनों ने एक दिन पहले ही 21 दिसंबर को एनकाउंटर का शक जातते हुए डीम, कोर्ट से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक में की थी शिकायत

KANPUR: अपराधियों के इनकाउंटर को लेकर पुलिस हमेशा से सवालों के घेरे में रही है। तीन महीने से लगातार अपराधियों का 'हाफ काउंटर' कर खुद की पीठ ठोक रही सिटी पुलिस शुक्रवार को 'हिट विकेट' हो गई। नौबस्ता में पुलिस ने चोरी की वारदात कर भाग रहे शातिर को मुठभेड़ में पैर में गोली लगने का दावा किया जबकि हर बार की तरह उसके साथी मौके से भाग गए। जबकि परिजनों ने सबूतों के साथ पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने दो दिन पहले उनके बेटे को उठाया था और अब पैर में गोली मारकर उसको जेल भेज दिया।

जवाबी फायरिंग में घायल

कल्याणपुर मसवानपुर निवासी मसूद अख्तर ट्रक बॉडी का काम करते है। उनकी गड़रियनपुरवा और पनकी में दुकान है। मसूद के तीन बेटे हैं। जिसमें महबूब अख्तर पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। नौबस्ता इंस्पेक्टर समर बहादुर सिंह के मुताबिक वह शुक्रवार रात फोर्स के साथ गश्त करते हुए हंसपुरम के मधुर मिलन गेस्ट हाउस के पास पहुंचे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक मकान से दो शातिर निकल रहे है। उन्होंने शातिरों को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वे भाग निकले। पुलिस ने पीछा किया तो दोनों शातिर ने पुलिस टीम पर तमंचे से फायर कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। जिसमें महबूब पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जबकि उसका साथी पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। पुलिस ने हॉस्पिटल में महबूब का उपचार कराया। इसके बाद शनिवार को कोर्ट में पेश कराकर जेल भेज दिया।

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सबूत खोल रहे पुलिस की पोल

पुलिस के 'हॉफ एनकाउंटर' की पोल शनिवार को उस समय खुल गई, जब पुलिस महबूब को कोर्ट में पेश कराने ले गई। वहां पर मौजूद महबूब के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एकाउंटर करने का आरोप लगाया। महबूब की मां शाइस्ता ने बताया कि महबूब की 20 दिसंबर को कोर्ट में तारीख थी। वह पेशी के बाद कोर्ट से दुकान जाने के लिए निकला था। वह बड़ा चौराहे से टेम्पो में बैठकर जरीब चौकी पहुंचा था कि वहां पर पुलिस ने उसे उठा लिया। महबूब शाम तक घर नहीं पहुंचा तो परिजन थाने में गुमशुदगी की तहरीर देने पहुंच गए, लेकिन उनको थाने से टरका दिया था। इस पर परिजनों ने अगले दिन 21 दिसंबर को एसएसपी और जिलाधिकारी ऑफिस पहुंचकर पुलिस पर महबूब को उठाए जाने का शक जताते हुए शिकायत की। मुख्यमंत्री ऑफिस में मेल और फैक्स करने के साथ ही पोर्टल में महबूब का फर्जी एनकाउंटर किए जाने का शक जताते हुए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। जिस पर जांच का आदेश दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

शुक्र है एनकाउंटर नहीं किया

पुलिस के 'हाफ एनकाउंटर' में पकड़ा गया महबूब घायल था, लेकिन सुबह तक उसकी हालत सामान्य हो चुकी थी। परिजनों को शक था कि पुलिस एनकाउंटर में उसे मार देगी, लेकिन उसको जिंदा देखकर परिजनों का कलेजा ठंडा हुआ। एक रिश्तेदार का कहना है कि शुक्र है कि पुलिस ले सिर्फ 'हाफ एनकाउंटर' किया। पुलिस चाहती तो उसे एकाउंटर में मार भी सकती थी।

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मुझे पहले बर्रा फिर नौबस्ता ले गए

महबूब ने कोर्ट में मां से मुलाकात होने पर बताया कि पुलिस उसको जरीब चौकी से उठाकर पहले बर्रा थाने ले गए। इसके बाद उसको मर्दनपुर पुलिस चौकी ले जाया गया। वहां से उससे शुक्रवार को नौबस्ता थाने ले जाया गया। जहां उसको पहले पीटा गया। बाद में 'हाफ एनकाउंटर' गिरफ्तारी दिखाकर कोर्ट लाया गया।

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पहले भी सवाल उठ चुके है

शहर में पुलिस अब तक करीब 15 'हॉफ एनकाउंटर' कर चुकी है। जिसमें एक 'हाफ एनकाउंटर' में पकड़ा गया शातिर पुलिस को गच्चा देकर भाग गया था। इसमें दरोगा और एक सिपाही को सस्पेंड कर दिया था। इसके अलावा 21 नवंबर की रात को बिल्हौर और बेकनगंज में 'हाफ एनकाउंटर' में घायल दो शातिर पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा चुके है। बेकनगंज में पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए शातिर सनी ने मीडिया को बताया था कि वह दो दिन पहले स्कूटी से घूम रहा था। तभी पुलिस ने उसको उठा लिया। दो दिन थाने में रखने के बाद पुलिस उसको पार्क में ले गई। जहां उसके पैर में कपड़ा बांधकर गोली मार दी गई। इसके बाद दरोगा ने फायर कर खाली तमंचा उसके बगल में फेंक दिया था।