- पुलिस की दबंगई से रोडवेज को लग रहा लाखों का झटका
- कंडक्टर पुलिस कर्मियों से टिकट न लेने का करते हैं विरोध तो पुलिस वाले खाकी का रौब करते हैं गालिब
- अधिकारी भी नहीं करते पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई
Meerut: भले ही पुलिस अनुशासनहीनता न करने का दावा करती हो, लेकिन दादागिरी में पुलिस कहीं पीछे नहीं है। जी हां पुलिस वालों की रोडवेज की बसों में खूब दबंगई चल रही है। पुलिस वाले बसों में सफर के दौरान टिकट नहीं ले रहे हैं। ये बेटिकट यात्रा करके रोडवेज को को चपत लगा रहे हैं। परिचालक टिकट लेने के लिए कहता है तो खाकी वर्दी का रौब दिखाकर चुप कर देते हैं।
कंडक्टर को झेलना पड़ता है रौब
मेरठ जिले में अधिकतर पुलिस कर्मी वह तैनात हैं, जिनके अपने घर पड़ोसी जिले में हैं। छुट्टी के बाद ये खाकी वर्दी पहनकर बेटिकट बस में यात्रा करने के लिए बैठ जाते हैं। दूसरे जिले में लगने वाली ड्यूटी देने के लिए भी ये पुलिस कर्मी टिकट नहीं लेते हैं। ऐसे में रोडवेज के खिलाफ ये पुलिस कर्मी बड़ी चुनौती खड़ी कर रहे हैं। जब कंडक्टर टिकट लेने के लिए कहता है तो खाकी का रौब गालिब करके हड़काना शुरू कर देते हैं।
हर महीने लग रही है चपत
मेरठ मंडल में चार बस स्टैंड भैंसाली, सोहराब गेट, गढ़मुक्तेश्वर और बड़ौत आते हैं। पूरे रीजन में रोडवेज की करीब 7भ्0 बसों का संचालन हो रहा है, जिसमें निगम और अनुबंधित बसें चलती हैं। इनमें पुलिस कर्मी फ्री में सफर करके जाते हैं। मेरठ से मुजफ्फरनगर, रुड़की, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, बिजनौर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, कौशांबी, दिल्ली समेत तमाम रुटों के लिए बसों का संचालन होता है। जहां पुलिस की पूरी दबंगाई चल रही है।
कौन कर सकता है फ्री सफर
क्। मान्यता प्राप्त पत्रकार
ख्। सौ प्रतिशत विकलांग
फ्। सांसद और विधायक
ब्। रोडवेज के कर्मचारी और अधिकारी
फ्री सफर करना गलत
बसों में पुलिस का फ्री सफर करने को अधिकारियों ने गलत बताया है। एसपी सिटी ओमप्रकाश ने कहा है कि रोडवेज बसों में पुलिस कर्मियों को कोई छूट नहीं है। फ्री में सफर नहीं करना चाहिए। वहीं एसपी देहात एमएम बेग का कहना है कि अगर कोई पुलिस कर्मी ऐसा कर रहा है, शिकायत आने पर पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या हुए मामले
क्। ख्ख् जनवरी को मेरठ से बिजनौर के लिए एक सिपाही रोडवेज की बस में बैठा, जिसने टिकट नहीं लिया, कंडक्टर ने टिकट न लेने का विरोध किया तो मवाना में सिपाही ने कंडक्टर साथ मारपीट की गई।
ख्। क्9 फरवरी को मेरठ से नोएडा के लिए एक दारोगा भैंसाली रोडवेज बस स्टैंड में सवार हुआ, कंडक्टर ने टिकट लेने के लिए कहा तो मोदीनगर में कंडक्टर के साथ बदसलूकी की।
फ्। 9 मार्च को भैंसाली रोडवेज बस स्टैंड से क्राइम ब्रांच में तैनात एक दारोगा रुड़की के लिए बस में बैठा। उसने टिकट नहीं लिया। जिस कारण कंडक्टर और दारोगा में कहासुनी हो गई।
ब्। ख्8 मार्च को सोहराब गेट बस स्टैंड से हापुड़ के लिए एक सिपाही बस में बैठा, यहां कंडक्टर को पैसे देने से कंडक्टर को साफ मना कर दिया। कहा सरकारी काम से बाहर जा रहा हूं, इसलिए कोई टिकट नहीं ले रहा हूं।
भ्। ख्फ् अप्रैल को सोहराब गेट बस स्टैंड से एक सिपाही बुलंदशहर के लिए बस में सवार हुआ, तेजगढ़ी के पास जब कंडक्टर ने सिपाही से पैसे मांगे तो उसने अपनी वर्दी का रौब गालिब करते हुए पैसे देने से इनकार कर दिया।
पुलिस कर्मी नियमों का पालन नहीं करते हैं। बिना टिकट के यात्रा करना पसंद करते हैं, यदि टिकट लेने के लिए कहते हैं तो पुलिस कर्मी अपनी खाकी वर्दी का रौब गालिब करते हैं।
अरविंद, कंडक्टर
पुलिस कर्मियों की पूरी मनमानी चल रही है, बस में खाकी वर्दी पहनकर दारोगा और सिपाही चढ़ जाते हैं, जब टिकट लेने के लिए उनकी सीट पर जाते हैं तो स्टाफ बताकर टिकट लेने से पल्ला झाड़ते हैं।
अशोक कंडक्टर
कुछ पुलिस कर्मी टिकट लेते हैं, लेकिन अधिकतर पुलिस कर्मी पैसे टिकट लेना पसंद नहीं करते। यदि पुलिस कर्मी से जबरदस्ती की जाए तो अपनी पुलिस की भाषा बोलना शुरू कर देते हैं।
परमवीर, कंडक्टर
पुलिस कर्मियों का तो केवल स्टाफ चलता है, कितनी बार पुलिस कर्मियों से टिकट के लिए पैसे मांगे, लेकिन नहीं दिए। अब तो हमने मांगना भी छोड़ दिया है।
रनवीर, कंडक्टर
हां कुछ इस प्रकार की शिकायतें आई है, ये पुलिस कर्मियों की गलत बात है। यदि कंडक्टर शिकायत करेगा तो कार्रवाई कराई जाएगी।
संदीप अग्रवाल
एआरएम
रोडवेज
मेरठ