- दहेज उत्पीड़न, चोरी और लूट की धाराओं में 1996 के बाद से फरार हैं कई छुटभैये अपराधी

- दो लाख के दो इनामियों का भी कोई सुराग नहीं लगा सकी है पुलिस

बड़ी वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश हों या गिरोहों के सरगना, पुलिस की टीमें हमेशा इनकी सुरागरसी में लगी रहती है। मगर इस दौड़भाग के बीच कई छुटभैये अपराधी ऐसे भी हैं जिनकी फरारी का समय 11 से 20 साल तक का हो चुका है। दहेज उत्पीड़न, चोरी या डकैती जैसे मामलों में वांछित इन अपराधियों पर इनाम भी घोषित हैं। मगर पुलिस इनकी धरपकड़ के लिए गंभीर नहीं दिख रही है।

22 साल से लूट में तलाश

चोलापुर में 1996 और 97 में लूट के दो मामलों में रमेश चौबे और राजकुमार उर्फ कमलेश का नाम पुलिस फाइलों में फरार और ढाई-ढाई हजार रुपये के इनामियों के रूप में दर्ज है। दोनों चोलापुर के ही रहने वाले हैं मगर पुलिस इनका पता नहीं लगा सकी है। ऐसे ही रामनगर थाने के साल 2004 के दहेज उत्पीड़न के मामले में कैमूर निवासी शिवअवतार के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने आरोपी पर ढाई हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है मगर 14 साल से उसका कोई पता नहीं। ऐसे ही चौक में 15 साल पुराने लूट के एक मामले में मंडुवाडीह निवासी कन्हैया यादव की तलाश है।

इनामी भी रडार से गायब

996 में भेलूपुर में हुए झुनझुनवाला अपहरण कांड में अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर और शहाबुद्दीन निवासी मोहम्मदाबाद गाजीपुर का नाम सामने आया था। दोनों आरोपियों के खिलाफ दो-दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया। मगर 22 साल बीतने के बाद भी पुलिस इनका कोई सुराग नहीं लगा सकी है। माना जाता है कि यह बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान भाग चुके हैं।

ये इनामी जो गुम हुए

नाम साल/मामला थाना

मुन्नालाल 98/लूट कोतवाली

शिवअवतार 2004/दहेज रामनगर

हारुन 2005/हत्या आदमपुर

जावेद 2008/रंगदारी आदमपुर

कन्हैया यादव 2003/लूट चौक

सतीश गुप्ता 2007/अपहरण भेलूपुर

राजेश मिश्रा 2004/हत्या सारनाथ

रमेश चौबे 1996/लूट चोलापुर

राजकुमार 1997/लूट चोलापुर

वर्जन

ऐसा नहीं है कि पुलिस इन अपराधियों पर ध्यान नहीं देती। नियमित अंतराल पर इनके घरों और जानने वालों की जांच कराई जाती है। सुराग नहीं मिलने के कारण ही यह पकड़ से बाहर हैं।

दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी वाराणसी