-कोर्ट ने थानाध्यक्ष, दरोगा व एक अन्य के विरुद्ध दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश

-पूर्व में दर्ज मुकदमें को झूठे शपथ पत्रों के सहारे खत्म कराने का आरोप

टूंडला: रुपयों के लिए युवक के साथ मारपीट करने व एक रात हवालात में बंद करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर निलंबित हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष पचोखरा की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। पीडि़त ने थानाध्यक्ष पर झूठे शपथ पत्रों के सहारे मुकदमें को खत्म कराने, मारपीट व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने आरोपी दरोगा समेत तीन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

विदित हो कि पचोखरा थाना क्षेत्र के गांव सलेमपुर निवासी संजय जाटव पुत्र साहूकार जाटव ने तत्कालीन थानाध्यक्ष पचोखरा गंगाप्रसाद यादव, उपनिरीक्षक यादराम और दो सिपाहियों पर घर से जबरन पकड़कर लाने, बेकसूर होने के बावजूद भी पचास हजार रुपयों के लिए रात भर पीटने व 15 हजार रुपये लेने के बाद ही थाने से छोडऩे का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रभारी पुलिस अधीक्षक राकेश पांडेय से शिकायत की थी। उसके बाद तत्कालीन सीओ केहर सिंह राना द्वारा की गई जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध पचोखरा थाने में 10 जून 2014 को धारा 323, 342, 389, भ्रष्टाचार अधिनियम व हरिजन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पीडि़त का आरोप है कि विवेचना कर रहे तत्कालीन सीओ केहर सिंह राना ने उसके बयान ही दर्ज नहीं किए। बयान दर्ज कराने को उसने पुलिस अधीक्षक को शपथ पत्र भी दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की। इतना ही नहीं आरोपी ने उसका फर्जी शपथ पत्र तैयार कराकर मुकदमें को ही खत्म करा लिया। जानकारी होने पर पीडि़त ने 11 अगस्त 2014 को फिर से विवेचना कराने के आदेश करा लिए, लेकिन आदेश के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। वर्तमान में आरोपी दरोगा की तैनाती हाथरस जनपद में है। पीडि़त का आरोप है कि 20 अगस्त 2014 को सुबह करीब 9 बजे घर से बाजार आ रहा था, तभी रास्ते में उसे दरोगा गंगाप्रसाद, यादराम व विनोद प्रकाश पुत्र ओमप्रकाश निवासी ग्राम शिवसिंहपुर ने नवीन मंडी के सामने रोक लिया और मुकदमें की पुन: विवेचना कराने पर जान से मारने की धमकी देने के साथ ही मारपीट करते हुए जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। पीडि़त ने मुकदमा दर्ज कराने को कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कार्यवाही नहीं की। कोर्ट ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश टूंडला पुलिस को दिए हैं। सीओ प्रशांत कुमार का कहना है कि कोर्ट का आदेश प्राप्त हुआ है। मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करेंगे, आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।