-कठघरे में आलमबाग पुलिस (फ्लैग)

-पुलिस ने आरोप को नकारा, उलटे पीडि़त पर लगाया चोरी का आरोप

LUCKNOW: सर्विलांस सेल के दारोगा व पारा थाने के दो कॉन्सटेबल द्वारा फर्जी गुडवर्क में निर्दोषों को फंसाने के मामले के अभी कुछ ही दिन बीते थे कि आलमबाग पुलिस पर एक प्लाईवुड फैक्ट्री के सेल्समैन को कोतवाली में बंधक बनाकर मारपीट करने व उससे लूटपाट करने का आरोप लगा है। मामला सोशल मीडिया में वायरल होने पर पुलिस बैकफुट पर आ गई है और उलटे पीडि़त पर ही चोरी करने का आरोप लगाया है।

तगादा कर लौटा था

मूलत: रायबरेली निवासी आशुतोष तिवारी (30) डालीगंज में पत्‍‌नी व तीन बच्चों के साथ रहता है। आशुतोष अपने रिश्तेदार सुबोध द्विवेदी की तालकटोरा स्थित विंध्य प्लाईवुड फैक्ट्री में बतौर मैनेजर बीते 20 साल से काम करता है। फैक्ट्री मालिक सुबोध द्विवेदी ने बताया कि आशुतोष मंगलवार सुबह फैक्ट्री से ट्रक पर माल लोड करवाकर सप्लाई देने व तगादे के लिये कानपुर की जरीब चौकी गया था। जहां से आशुतोष ने तगादे का करीब 3.50 लाख रुपया वसूलकर काले रंग के बैग में रख लिया। दोपहर करीब 2.30 बजे वह रोडवेज की बस से लखनऊ के लिये चल पड़ा।

पुलिस ने पलट दी कहानी

सुबोध ने बताया कि जब देररात तक आशुतोष घर या फैक्ट्री नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। आलमबाग बस अड्डे पर उसका कोई सुराग नहीं लगा तो परिजन रात 3 बजे आलमबाग थाने पहुंचे। जहां आशुतोष बेसुध हालत में पड़ा हुआ था। उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मौजूद थे। लेकिन, रुपयों भरा बैग नदारद था। परिजनों ने पूछताछ शुरू की तो पुलिस ने बताया कि आशुतोष नशे की हालत में पंजाब नगर रेलवे कॉलोनी में रहने वाले रिटायर्ड रेलवे नेता के घर में अपने दो साथियों के साथ जबरन घुसने की कोशिश कर रहा था। रिटायर्ड नेता ने उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस का कहना है कि आशुतोष के साथी मौके से फरार हो गए।

लगाए गंभीर आरोप

सुबोध द्विवेदी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि आशुतोष कोई नशा नहीं करता। पुलिस ने उसे पीट-पीटकर बेसुध कर दिया। पुलिस की पिटाई से आशुतोष ने कपड़ों में ही ट्वॉयलेट कर दिया। उन्होंने कहा कि आशुतोष अगर किसी के घर में जबरन घुस रहा था तो पुलिस ने रेलवे नेता से कोई तहरीर क्यों नहीं ली। इसके अलावा उसका रात में मेडिकल क्यों नहीं कराया गया। जब सुबह परिजनों ने हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने सुबह 10.10 बजे उसका मेडिकल कराया। इतना ही नहीं आलमबाग पुलिस ने आशुतोष का मेडिकल कराने के लिये सरकारी वाहन तक मुहैया नहीं कराया। मजबूरन सुबोध उसे अपनी कार में लेकर मेडिकल कराने पहुंचे। सुबोध ने पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर पुलिस की ही मानें तो आशुतोष इतना अधिक नशे में था कि खड़ा नहीं हो पा रहा था तो वह किसी के मकान की दीवार कैसे फांद सकता है।

एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है। दोनों पक्षों से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच पूरी होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

अमिता सिंह

सीओ, आलमबाग