PATNA: पूर्व डीजीपी को बदनाम करने के आरोप में पकड़े गए जितेंद्र के पास पुलिस को चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। इसमें एक ब्लैंक चेक, एक बिना नाम लिखा हुआ चेक और एक जितेंद्र के नाम का चेक मिला है। इसके अलावा एक कॉलेज के लेटर पर 28 लाख 26 हजार 500 रुपए का हिसाब किताब मिला है। यही नहीं एक कोरे कागज पर 36 लाख 23 हजार रुपए का लेखा जोखा है। पुलिस को शंका है कि जितेंद्र ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम कर रहा था। वह लोगों से चेक में पेमेंट लेकर उन्हें नकद पैसे देता था। इन दस्तावेजों की जांच पुलिस इसी एंगल में करने में जुटी हुई है। पुलिस की माने तो जांच में इंजीनियरिंग में एडमिशन करवाने के नाम पर भी कमाई करने का खेल सामने आ सकता है। दस्तावेजों में यह भी सबूत मिला है कि जितेंद्र के सुपर 30 के आनंद कुमार के साथ गहरे संबंध थे।

ब्लैक मनी को व्हाइट करने का गेम

भारतीय डाक बचत बैंक का एक चेक है, जो महेंद्र कुमार ने जारी किया है। इस चेक में पैसा, दिनांक और धन पाने वाले का नाम ब्लैंक रखा गया है। दूसरा चेक एचडीएफसी बैंक का है जिसे मीनू सिंह ने 10 अगस्त 2017 को जारी किया है। यह जितेंद्र के नाम से है और इसमें अमाउंट 2 लाख रुपए है। तीसरा चेक सुजीत कुमार ने 14 जून 2018 का जारी किया है जिसमें 1.18 लाख अमाउंट लिखा है लेकिन पाने वाले के नाम नहीं हैं। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि चेक देने वाले लोग कौन है?

इंजीनियरिंग कॉलेज का खेल

जितेंद्र के हॉस्टल से पुलिस की रेड में मिले दस्तावेजों में एक कागज टेक्नोक्रेट्स टीआईटी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन का है। इसमें 52 लाख 18 हजार रुपए का हिसाब है। पुलिस को शक है कि इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के नाम पर भी खेल चल रहा था।

कहां आते- जाते हैं इतने रुपए

एक कोरे कागज में तीन तारीखें के सामने अमाउंट लिखकर रखा गया है। पहली तारीख 6 दिसंबर 2017 के सामने 4 लाख, 2 फरवरी 2018 के सामने 5 लाख और 27 मार्च 2018 के सामने 4 लाख रुपए लिखा हुआ है। आखिर इतना अमाउंट कहां से आया, पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है।

आनंद कुमार से संबंध

सुपर 30 आनंद कुमार के नाम की एक रसीद भी मिली है। यह 32 बाई 24 के स्ट्रक्चर टेबल की है। जिसमें सुपर 30 आनंद सर, कुम्हरार, नया टोला, भागवत मिल रोड लिखा हुआ है और 40 पीस के 460 रुपए के हिसाब 18, 400 रुपए का बिल है। जिसमें 3 हजार रुपए जमा दिखाए गए है। यह साफ जाहिर कर रहा है कि जितेंद्र सुपर 30 आनंद कुमार से जुड़ा हुआ है।

कहीं कोरे कागज पर तो नहीं था ब्लैक मनी का लेखा

पुलिस के हाथ एक ऐसा कागजात लगा है जिसमें जितेंद्र का कच्चा हिसाब किताब होता था। पुलिस के मुताबिक इसमें साल के हर माह में लेनदेन का पूरा हिसाब किया गया है। पुलिस के हाथ लगे इस कागजात में लगभग 36 लाख का लेखा जोखा है। किस माह में कितनी धनराशि जमा की गई है यह जोड़ा गया है जो टोटल 36 लाख 23 हजार है। पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच टीम को आशंका है कि यह लेखाजोखा ब्लैक मनी का है जिसे बाद में चेक के माध्यम ये व्हाइट किया जाता था।