कहानी में बडे़ झोल हैं एसएसपी साहब

मेरठ: एसएसपी साहब। आप कहते हो मुख्य आरोपी सनाउल्लाह बेकसूर है। आप कहते हो, सनाउल्लाह हार्ट का मरीज है। आप कहते हो सनाउल्लाह ने अपहरण नहीं किया। लेकिन एसएसपी साहब आपके दावों में थोड़ा नहीं बहुत बड़ा झोल है। जो हकीकत की पोटली में बंद सभी सबूतों को एक-एक कर निकालता दिखता है। हम आपसे सवाल करते हैं। मेरठ आपसे जवाब मांगता है। पूछता है कि क्या पीडि़ता का दर्द उसकी पीड़ा आपको नजर नहीं आती।

एसएसपी- सनाउल्लाह ने पीडि़ता का अपहरण नहीं किया। पीडि़ता ने 29 जुलाई को मुजफ्फरनगर ले जाने की बात कबूली थी, जबकि सनाउल्लाह 27 जुलाई की रात से 30 जुलाई तक दिल्ली के जयप्रकाश नर्सिग होम में भर्ती होकर हार्ट का इलाज करा रहा था।

आईनेक्स्ट का सवाल- अगर सनाउल्लाह 30 जुलाई तक हार्ट का इलाज कराकर 31 को गांव लौटता है। तो एक हार्ट पैसेंट भला अगले ही दिन पीडि़ता को नौकरी दिलाने के लिए मुजफ्फरनगर कैसे ले जा सकता है?

एसएसपी- पीडि़ता का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है। लड़की ने नौकरी लगवाने के लिए सनाउल्लाह से कहा था, जिसके बाद ही उसका सर्टिफिकेट बनवाया गया था। मुजफ्फरनगर में लड़की अकरम के यहां रही थी। उसे वहां मदरसे में नहीं रखा गया।

आईनेक्स्ट का सवाल- मान लिया जाए कि लड़की का धर्म परिवर्तन का सर्टिफिकेट नौकरी लगवाने के लिए बनवाया गया। लेकिन सवाल ये है कि इस जहान में ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसके लिए धर्म परिवर्तन के सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है?

एसएसपी- लड़की के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। मर्जी से सर्टिफिकेट पर साइन करने से जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन नहीं हो जाता।

आईनेक्स्ट का सवाल- मान लिया कप्तान साहब आप कहते हो, दुष्कर्म नहीं हुआ है। धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है। फिर भला क्यों पुलिस सभी आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया?

जबकि आपके ही विभाग की सीओ स्वर्णजीत कौर ने तो संकेत दिया था कि सप्लीमेंटरी रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।

एसएसपी- पुलिस अपने सारे सबूत अदालत में पेश करेगी। इसके बाद कोर्ट आरोपियों को सबूतों के आधार पर सजा मिलेगी।

आईनेक्स्ट का सवाल- अगर आप मान रहे हैं कि सनाउल्लाह अस्पताल में भर्ती था, तो फिर पुलिस की जांच इतनी ढ़ीली क्यों थी कि वो इतने दिन तक ये नहीं पता लगा पाई थी कि सनाउल्लाह तीन दिनों तक अस्पताल में भर्ती था?

एसएसपी- सनाउल्लाह लड़की को नौकरी दिलाने के लिए मुजफ्फरनगर लेकर गया था, क्योंकि वो मेरठ में मिली नौकरी से असंतुष्ट थी।

आईनेक्स्ट का सवाल- मान लिया एसएसपी साहब। लेकिन ये तो बताए कि सनाउल्लाह को लड़की से ऐसी कैसी हमदर्दी थी कि वो अस्पताल से हार्ट का इलाज कराकर घर लौटने के अगले ही दिन लड़की के कहने पर उसे नौकरी दिलाने मुजफ्फरनगर कैसे पहुंच सकता है?

एसएसपी- तफ्तीश में एक नवीन नाम के आरोपी की भी पुष्टि हुई है। नवीन गढ़मुक्तेवर में वकील का मुंशी है, जहां पर ऐफिडेवेट बना था।

आईनेक्स्ट का सवाल- गढ़मुक्तेश्वर में ऐफिडेवेट बनने की बात तो आपको पहले से ही पता था, लेकिन तब नवीन का नाम क्यों नहीं आया। वहीं दूसरी बात जब लड़की का धर्म परिवर्तन ही नहीं हुआ तो फिर आरोपी कैसे?

एसएसपी- लड़की का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है।

आईनेक्स्ट का सवाल- अगर लड़की का धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है, तो ये तो बताएं कि फिर किस इल्जाम ये इतने आरोपियों को जेल क्यों भेजा गया है?

एसएसपी- लड़की के आरोपों की जांच की जाएगी।

आईनेक्स्ट का सवाल - लड़की के आरोप कितने सही हैं कितने गलत, ये बाद की बात है। लेकिन सभी जानते हैं कि रेप के मामले में लड़की के बयान मायने रखते हैं। ऐसे मामलों में कार्रवाई भी जल्द होती है। लेकिन फिर क्यों इस मामले में पुलिस पीडि़ता के आरोपों को गलत सिद्ध करने में लगी है?