- ठेके पर कब्जा कराने को लेकर फायरिंग का मामला

- ओमपाल गुर्जर के खिलाफ नहीं हुई रिपोर्ट दर्ज

मेरठ: मेडिकल थाना क्षेत्र में रविवार को शराब पर कब्जा लेने पर हुई खुलेआम फायरिंग में पुलिस सपा नेता को बचाने की फुलप्रूफ प्लानिंग कर चुकी है। सपा नेता के खिलाफ रिपोर्ट ही दर्ज नहीं हुई है, जबकि सपा नेता खुद शराब ठेके पर कब्जा दिलाने दर्जनों समर्थकों के साथ पहुंचा था।

क्या था मामला

रविवार को मेडिकल के सामने स्थित शराब के ठेके पर कब्जा दिलाने सपा नेता ओमपाल गुर्जर सेल्समैन प्रदीप को लेकर अपने दर्जनों समर्थकों के साथ पहुंचा था। आधे से ज्यादा समर्थक हथियार से लैस थे। इस दौरान कब्जा दिलाने को लेकर दोनों पक्षों की ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। जिसमें पुलिस को आधा दर्जन खोखे और पिस्टल भी बरामद हुई थी।

नहीं हुई रिपोर्ट दर्ज

सपा नेता ओमपाल गुर्जर अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचा था। उनके हाथों में हथियार भी थे। फायरिंग ओमपाल समर्थकों की ओर से भी की गई। ओमपाल अपने रौब पर कब्जा दिलाने पहुंचा, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस को सपा नेता कहीं भी दोषी नहीं मिला। इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज हुई, लेकिन इनमें ओमपाल गुर्जर का नाम ही नहीं है। पुलिस का मानना है कि सेल्समैन प्रदीप ओमपाल गुर्जर का परिचित था, इसीलिए वह पहुंचा था।

सवाल दर सवाल

1- इतने समर्थकों के साथ दंबगई से कब्जा कराने पर भी पुलिस ने क्यों नहीं की कार्रवाई?

2. हथियारों से लैस सपा नेता के समर्थकों ने जमकर बरसाईं गोलियां, फिर भी वहदोषी नहीं?

3- पूछताछ में सेल्समैन ने ओमपाल गुर्जर को पैसे जाने की बात कबूली, फिर भी वह दोषी नहीं?

4- ओमपाल के मुताबिक प्रदीप को तीन दिनों से ठेके पर बंधक बनाया गया था, जबकि प्रदीप के मुताबिक वह सपा नेता के साथ ही मौके पर पहुंचा था। क्या ओमपाल ने झूठ बोला?

सपा नेता ओमपाल का सेल्समैन प्रदीप जानकार था, जिसकी मदद के लिए वह अपने समर्थकों साथ पहुंचे थे। अब इस घटनाक्रम में ओमपाल का कितना हाथ है, ये जांच का विषय है। फिलहाल ओमपाल के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।

-संजीव यादव, एसओ मेडिकल