-धर्मगुरु पर टिप्पणी के बाद किला थाना में भीड़ ने किया था उपद्रव

धारा 188 के तहत की गई एफआईआर, जल्द बढ़ेंगी धाराएं

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: किला थाना में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर बवाल करने वाले 5 नामजद समेत 250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने शुरुआत में धारा 144 के उल्लंघन के तहत धारा 188 में एफआईआर दर्ज की है लेकिन पुलिस जल्द बवालियों के खिलाफ और धाराएं बढ़ाएगी, जिसमें पुलिस पर हमला करने, सरकारी काम में बाधा डालने, आरोपियों को छुड़ाकर जानलेवा हमला करने व अन्य होंगी। पुलिस इसके लिए वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ कलेक्ट कर रही है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी।

कई पुलिसकर्मियों की फाड़ी थी वर्दी

किला थाना में बवाल करने वालों ने पुलिस को पूरी तरह से घेर लिया था। पुलिस से हाथापाई भी की गई थी और कई पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी गई थी। थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से स्थिति को संभाला था। थाने में मौजूद पुलिस यदि लापरवाही बरतती तो बड़ा बवाल होता और फिर शहर को संभालना मुश्किल हो जाता। फिलहाल पुलिस ने व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दोनों आरोपियों को मंडे कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। मेन आरोपी फोन करने की बात कह रहा है लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है।

--------3--------------------------

आखिर बाद में क्यों आते हैं शांति कमेटी के लोग

शहर में माहौल खराब न हो और खराब हो तो स्थिति को तुरंत सुधारने के लिए अमन कमेटी और पीस कमेटी का गठन किया जाता है, लेकिन अक्सर देखने में आता है कि शांति की इन कमेटियों के लोग माहौल बिगड़ने के काफी देर बाद पहुंचते हैं। जबकि इन कमेटियों के साथ पुलिस-प्रशासन के अधिकारी एक साथ भी मीटिंग करते हैं और थाना लेवल भी मीटिंग होती हैं। सावन शुरू होने से पहले थानों में मीटिंगों का आयोजन हो चुका है लेकिन इसके बावजूद जब किला थाने में बवाल हुआ तो कमेटियों के लोग बाद में नजर आए। ऐसा अधिकांश मामलों में होता है।

सभी थानों में पीस कमेटी

बरेली में अमन कमेटी बनी है, जो अब प्रदेश लेवल की कमेटी है और इसके 250 मेंबर हैं, जिनमें 150 बरेली में ही हैं। इसी तरह से सभी थानों में पीस कमेटी की मीटिंग होती है, जिनमें थाना एरिया के संभ्रात लोगों के नाम शामिल होते हैं, इनमें कई लोग अमन कमेटी से ही जुड़े होते हैं। मीटिंग में यह सभी सौहार्द की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जब सौहार्द बिगड़ता है तो सिर्फ पुलिस-प्रशासन ही आगे खड़ा नजर आता है।

अमन कमेटी काफी एक्टिव है। हमेशा सौहार्द बनाने का प्रयास करती है। कई बार सूचना देर में मिलती है तो पहुंचने में देरी होती है लेकिन उसके बाद कमेटी पूरी मेहनत से काम करती है। कई बार पहचान बताने में दिक्कत होती है, ऐसे में पुलिस-प्रशासन को एक कार्ड उपलब्ध कराना चाहिए।

डा। कदीर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष अमन कमेटी

हम लोग हमेशा मौके पर जाते हैं। जब भी कोई विवाद होता है तो कमेटी के मेंबर लोगों को समझाने का पूरा प्रयास करते हैं। अफवाहों पर ध्यान न देने की बात करते हैं।

मनोज भारती, प्रदेश महासचिव अमन कमेटी