छोटा भाई जमशेदपुर से पटना पहुंचा

एडवोकेट संगीता की रिश्तेदारों से एक दूरी बन चुकी थी। मां से ही कभी कभी मिलने जमशेदपुर जाती थी। संगीता की मौत के बाद कई रिश्तेदार पटना में रहने के बाद भी पूछने तक नहीं आए। जमशेदपुर से छोटे भाई अमृतांश ही पटना पहुंचे। उनके सामने ही पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अमृतांश ने बताया कि हत्या किसने की यह तो वह नहीं जानते, लेकिन हत्या बिना मोटिव के नहीं हो सकती।

वो महिला और पुरुष कौन थे?

17 जून को संगीता सिन्हा के फ्लैट में एक हेल्दी महिला और करीब 28 साल का युवक आया था। वे लोग काफी हड़बड़ाहट में वहां से निकले थे। इसके बाद से ही वह दरवाजा नहीं खुला था। हो सकता है कि संगीता की हत्या के मामले में इन लोगों का कोई रोल हो। खास बात यह कि वह महिला कई बार उनके पास आती थी।

लोगों ने आना क्यों बंद किया?

संगीता के फ्लैट में आने वालों की संख्या 17 तारीख से कम हो गयी। यह एंट्री रजिस्टर में दर्ज नाम से ही पता चला है। अब पुलिस पड़ताल कर रही है कि क्या रेगुलर आने वालों को पता चल गया था कि संगीता अब इस दुनिया में नहीं है या फिर इन लोगों को खुद संगीता फोन करती थी, उसके बाद लोग आते थे। ऐसे कुछ सवाल हल करने में कोतवाली पुलिस लगी है। वैसे पुलिस ने संगीता हत्याकांड में कई लोगों से पूछताछ की है। इधर एडवोकेट संगीता के मर्डर के विरोध में बुधवार को सिविल कोर्ट में वकीलों ने काम ठप किया। साथ ही हत्यारे को शीघ्र अरेस्ट करने की मांग की।