पैदल आएंगे

नॉमिनेशन के मद्देनजर कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। डिग्गी वाले रास्ते पर भी बेरिकेडिंग की गई है। हालांकि उस रास्ते से अभी भी दुपहिया वाहनों का आवागमन जारी है। इसके अलावा नॉमिनेशन के लिए डीएसडब्ल्यू ऑफिस भी पुलिस के हवाले कर दिया गया है। कोई भी कैंडीडेट नॉमिनेशन करने के लिए गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करेगा। जो भी कैंडीडेट नॉमिनेशन करने के लिए आएगा वो पैदल ही रहेगा। कैंडीडेट के साथ चार अन्य साथी रहेंगे। इसके अलावा भीड़ नहीं होनी चाहिए।

बनवा लें आई कार्ड

कैंपस के कुल 3200 वोटर्स में से अभी तक 2998 अपने आई कार्ड बनवा चुके हैं। बाकी वोटर्स के लिए आई कार्ड बनवाने के लिए शुक्रवार को अंतिम दिन है। अपने एचओडी से लेटर रेफर कराकर लाने पर ही आई कार्ड बनाया जाएगा।

ड्रीम पैनल

हालांकि अभी तक किसी भी छात्र गुट ने अपना पैनल घोषित नहीं किया है, लेकिन सभी चुनावी गठजोड़ करने में लगे हुए हैं। सभी पैनल को इस तरह से सेट करना चाहते हैं कि पूर्वांचल, जाट, ठाकुर, गुर्जर, दलित, ब्राह्मण, मुस्लिम वोट के साथ ही गल्र्स वोट भी मिल जाए। इसके लिए कैंपस इलेक्शन के पुराने धुरंधरों ने एक ड्रीम पैनल तैयार किया है, जिसमें की अध्यक्ष पद पर गुर्जर को लड़ाया जाए, उपाध्यक्ष पद पर गल्र्स, महामंत्री पद पर पूर्वांचल के ब्राह्मण, संयुक्त सचिव पद पर बेस्ट एकेडमिक और कोषाध्यक्ष पद पर मुस्लिम कैंडीडेट को लड़ाए जाने की बात है। देखना होगा कि कितनी पार्टी इस हिसाब से अपना पैनल डिसाइड करती हैं।

जाट-दलित मिले तो अध्यक्ष पक्का

एक पार्टी अध्यक्ष पद पर दलितों को मनाकर जाट कैंडीडेट उतरने की फिराक में है। अगर दलित मान जाते हैं तो जाट कैंडीडेट को मैदान में उतारने से प्रेसीडेंट पद पक्का हो सकता है।

दलित बिगाड़ेंगे समीकरण

कैंपस में दलित वोटों के बारे में भी अभी तक कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। पिछला इतिहास देखा जाए तो दलितों ने एक जुट होकर वोट नहीं दिया है। कुछ ऐसा ही हाल पूर्वांचल के स्टूडेंट्स का है। पूर्वांचल कार्ड खेलकर पिछले साल जीते कैंडीडेट्स उन स्टूडेंट्स के काम नहीं आए। ऐसे में पूरब का वोटर अच्छे और कर्मठ कैंडीडेट की तलाश में है।

मैं पानी की तरह पैसा बहा रहा हूं

यूनिवर्सिटी के  सामने लगे टेंट में अपने अध्यक्ष पद के प्रत्याशी को क्षेत्र के एक नेता ने जमकर झाड़ लगाई। दरअसल बात ये हुई कि अध्यक्ष पद के कैंडीडेट से नेताजी ने पूछ लिया कि कैंपेनिंग कैसे हो रही है। क्या चल रहा है। जीतने की कितनी उम्मीद है। इस पर कैंडीडेट कोई जवाब नहीं दे पाया। बताया जाता है कि इसके बाद नेताजी ने अध्यक्ष पद के कैंडीडेट को जमकर लताड़ा, कहा कि मैं तुम लोगों पर पानी की तरह पैसा बहा रहा हूं और तुम लोग यहां पर मजे ले रहे हो। सवाल उठता है कि जब पार्टी नेता अपने अध्यक्ष पद के कैंडीडेट को इस तरह सरेआम बेइज्जत करेंगे तो वो स्टूडेंट्स को लीड कैसे करेगा और अगर वो किसी तरह से जीत भी गया तो क्या वजूद रहेगा उसका।

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