कर्नलगंज क्षेत्र के दीपेंद्र मर्डर केस में आरोपी बनाई गई उसकी प्रेमिका पुलिस के सामने सरेआम हुई अपनी पिटाई और कपड़े फाड़े जाने से सहम गई है। पुलिस द्वारा अ‌र्द्धनग्न हालत में बीच बाजार से जुलूस निकालने की घटना ने कविता की आत्मा तक को आहत कर दिया है। पुरुषों के थाने में पुलिस के साथ 24 घंटे से ज्यादा बिताने के दौरान हुए मेंटल टॉर्चर के बाद अब वो हर इंसान को पुलिस वाला समझ कर डर जाती है। वो जेल में है ये सोच कर रो पड़ती है। जिंदगी उसके साथ कुछ घंटों के भीतर इतनी बेदर्द हो गई कि उसे यकीन नहीं हो रहा कि ये वही जिंदगी है।

। दीपेन्द्र मर्डर केस में आरोपी कविता से बात कर उसका पक्ष जानने आईनेक्स्ट रिपोर्टर जेल के भीतर गया था लेकिन जब वो सामने आई तो वो बात करने की हालत में ही नहीं थी .पर उसकी हालत अपने आप में एक कहानी बयां कर रही थी।

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-आरोपी कविता से मिलने आईनेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा जेल के भीतर

-हर इंसान को पुलिसवाला समझ कर डर रही है कविता, जेल में करनी पड़ रही उसकी साइकॉलॉजिकल काउंसिलिंग

KANPUR : थर्सडे की दोपहर आई नेक्स्ट रिपोर्टर जिला में बंद कविता से मिलाई करने गया। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद एक सिपाही कविता को लेकर बाहर आया। जाली के दूसरी तरफ कविता के चेहरे पर एक अंजान सा डर दिख रहा था। रिपोर्टर को देख कर कविता वहां से भागने लगी।

रिपोर्टर ने कविता से कहा पूरी सच्चाई क्या है? तुम मुझे बता सकती हो, मैं रिपोर्टर हूं और तुमको इंसाफ दिलाने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन कविता की कांपती हुई जुबां से इन सवालों के जवाब के बजाया सिर्फ इतना ही निकला कि तुम झूठ बोल रहे हो, तुम पुलिस वाले होये कह कर वो रोने लगी।

और वो वापस चली गई

कविता का पूरा शरीर कम्पन कर रहा था और जुबां कांप रही थी। इस पूरे घटनाक्रम का उसके दिल और दिमाग पर ऐसा असर पड़ा है कि वो एक बुत बनकर रह गई है। सरेराह हुई बदनामी ने मानो उसकी जीने की इच्छा खत्म कर दी हो। पुलिस वालों ने चौबीस घंटे उसे थाने में रखकर पूछताछ की थी। इस दौरान पुलिस ने उसे कैसे धमकाया, डराया कि वो पुलिस की कल्पना से डर रही है। रिपोर्टर ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वो किसी पर विश्वास नहीं कर पा रही है। उसका इंसानों पर से विश्वास उठ चुका है। चौबीस घंटे में पुलिस किसी को जिंदगी से इतना बेजार कर सकती है ये देख कर ताज्जुब करता रहा रिपोर्टर और कविता वापस चली गई।

पूरी रात जागती रही और रोती रही।

जेल में कविता को महिला बैरक में रखा गया है। बैरक की महिला कैदियों के मुताबिक कुछ जब वो आई तो महिला कैदियों ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वो किसी से कुछ नहीं बोल रही थी। उसने रात को खाना भी नहीं खाया। वो पूरी रात रोती रही। महिला कैदियों ने उसको सुलाने की कोशिश की, लेकिन उसकी आंख से नींद उड़ चुकी थी।

पुलिस ने जुर्म कबूल कराने का बनाया था दबाव

बैरक में महिला कैदियों ने बताया कि काफी कुरेदने पर जब कविता ने चुप्पी तोड़ी थी तो पहले वो दहाड़ें मारकर रोई थी। महिला कैदियों के मुताबिक वो रोते हुए कह रही थी कि उसका कोई कसूर नहीं है। उसको दीपेंद्र के मर्डर के बारे में कुछ नहीं पता था। इसके बाद भी पुलिस ने उसको पूरी रात थाने में रखा। जहां पुलिस उस पर जुर्म कबूल करने का दबाव बनाती रही। उसने पुलिस की बात नहीं मानी, तो उसे जेल भेज दिया।

.आखिर पुलिस ने किस हद तक टॉर्चर किया

सवाल है कि उसकी इस दयनीय दशा का जिम्मेदार कौन है? आखिर पुलिस ने उसे किस हद तक टॉर्चर किया कि वो इतना डर गई है। क्या उसकी आंखों के सामने उसके पिता को पुलिस ने टॉर्चर किया जिसे देख कर वो आत्मग्लानि और सदमे में है। आखिर वो थाने में थी क्या किसी टॉर्चर रूम में जो उसकी ऐसी हालत हो गई।

क्या पुलिस को किसी आरोपी के साथ ऐसा बर्ताव करने का अधिकार है? अगर नहीं, तो अभी तक किसी दोषी पुलिस वाले पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

जेलर ने की काउंसलिंग

जेल में कविता की गंभीर हालत को देखकर उसकी काउंसलिंग की जा रही है, लेकिन उसको अभी राहत नहीं मिली है। जेलर एके सिंह के मुताबिक वो डरी और सहमी है। वो किसी से कुछ बोल नहीं रही है। जेल का नाम सुनते ही इंसान डरने लगता है और वो जेल में आ चुकी है उसको यहां पर महिला कैदियों से घुलने-मिलने में कुछ समय लगेगा। जब वो अपनी बात या परेशानी बताने लगी, तो उसका तनाव दूर हो जाएगा।

गायब हैं कविता के परिजन

आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने गुरुवार को कविता के घर पर जाकर भी तफ्तीश की, तो पता चला कि उसके पिता को पुलिस ने उसी दिन हिरासत में ले लिया था। उसको कविता के जेल जाने के बाद छोड़ा गया था, लेकिन उसके बाद से वो भी गायब है। माना जा रहा है कि वे पुलिस के डर से कहीं ओर चले गए है। रिपोर्टर ने इलाकाई लोगों से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि कविता के परिवार में पिता, मां और छोटी बहन है। उसकी मां और बहन कहां है। इस बारे में भी किसी को कुछ नहीं पता।

आरोपी मंगेतर को भी चुपके से भेजा जेल

पुलिस दीपेंद्र मर्डर केस में मीडिया के सामने आने से बच रही है। जिसके चलते पहले पुलिस ने बुधवार को कविता को चोरी से जेल भेज दिया था । इसी तर्ज पर पुलिस ने गुरुवार को कविता के आरोपी मंगेतर विशाल को भी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। वो ही इस केस में मुख्य आरोपी है। पुलिस ने विशाल को भी मीडिया के सामने पेश नहीं किया। जिससे पुलिस की मंशा पर सवाल उठ रहा है।

नोटिस से पुलिस महकमे में हड़कम्प

कर्नलगंज में दीपेंद्र मर्डर में आई नेक्स्ट ने खुलासा किया था कि किस तरह पुलिस एक लड़की को अ‌र्द्धनग्न हालत में जुलूस निकालकर थाने ले जाती है.मानवाधिकार आयोग ने आई नेक्स्ट की खबर को संज्ञान में लेकर सूबे के डीजीपी के अलावा शहर के एसएसपी और डीएम को नोटिस जारी कर दी है। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प है। गुरुवार को पुलिस कर्मी आपस में कानाफूसी करते देखे गए कि इसमें आगे क्या होगा?

.ताकि दंडित किए जा सके दोषी पुलिसकर्मी

एसपी क्राइम एमपी वर्मा ने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने एसओ कर्नलगंज अनिल यादव समेत अन्य पुलिसकर्मियों को बयान के तलब किया है। साथ ही उन्होंने आई नेक्स्ट से इस मामले की पूरी वीडियो फुटेज मांगी है। ताकि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित किया जा सके। आईनेक्स्ट पूरे साक्ष्य उपलब्ध कराएगा क्योंकि आपके अखबार का स्टैण्ड वही है कि अगर कविता दोषी है तो उसे सजा हो पर आरोपी के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। नारी की गरिमा का सम्मान पुलिस को करना चाहिए।

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पुलिस ने दिखाई असंवेदनशीलता : डीएम

कर्नलगंज पुलिस के युवती का अर्धनग्न जुलूस निकालने की कार्यवाई को जिला प्रशासन ने इनसेंसिटिव ठहराया है। घटना के अगले दिन राज्य मानवाधिकार का नोटिस मिलने के बाद डीएम ने भी माना कि युवती को थाने ले जाते वक्त पुलिस ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई। आई नेक्स्ट रिपोर्टर से बातचीत में डीएम ने माना कि अगर पिटाई में युवती के कपड़े फट गए थे तो महिला कॉन्सटेबल्स को उस पर ऊपर से कपड़ा डालकर थाने ले जाना चाहिए था। उन्होंने बताया कि घटनाक्रम की मजिस्ट्रेटी जांच एसीएम-भ् को सौंपी गई है।

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जांच के लिए जारी होगा विज्ञापन

युवती का अर्धनग्न जुलूस निकालने की जांच एसीएम-भ् दयानंद सरस्वती को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि लिखित आदेश मिलने के बाद जांच शुरू की जाएगी। इसके लिए बाकायदा अखबारों में विज्ञापन निकलवाया जाएगा। आई नेक्स्ट से बातचीत में एसीएम-भ् ने बताया कि जांच में जनता के अलावा कर्नलगंज थाने के एसओ समेत अन्य पुलिसकर्मियों के बयान लिये जाएंगे। इसके अलावा पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डॉक्टर के बयान भी शामिल किये जाएंगे। कोशिश रहेगी कि जांच जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए। जांच पूरी होने के बाद फाइनल रिपोर्ट डीएम मैडम को सौंप दी जाएगी।