--IT Act के तहत दर्ज होने वाले cases की संचया है कम

--NCRB के मुताबिक वर्ष 2011-12 में सिटी में आईटी एचट के तहत एक भी केस नहीं हुआ दर्ज

-पुलिस के अनुसार 2011-12 में आईटी एचट के 25 मामले हुए दर्ज

-जानकारी के अभाव में सही ढंग से नहीं डील हो पा रहे cases

JAMSHEDPUR : स्टेट में साइबर क्राइम की सही जानकारी न होने का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इसका कारचा यह है कि साइबर क्राइम से जुड़े मामले पुलिस के पास पहुंचने के बावजूद आईटी एचट के तहत केस न दर्ज कर आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिया जाता है। इस कारचा केस का प्रॉपर इंवेस्टीगेशन नहीं हो पाता।

नहीं मिली है प्रॉपर ट्रेनिंग

पिछले दिनों साइबर पीस फाउंडेशन की ओर से रांची स्थित चैंबर भवन में हुए प्रोग्राम में एडीजी (सीआईडी) एसएन प्रधान ने कहा था कि साइबर क्राइम से संबंधित कचचलेन के लिए जब व्यचित थाने में जाता है तो पुलिस कचचलेन सुनने के बजाय टाल-मटोल करती है। इसका कारचा यह है कि पुलिस को साइबर क्राइम से निपटने की ट्रेनिंग नहीं मिली है। पुलिस के पास इंफ्रास्ट्रचचर की भी कमी है। इस कारचा साइबर क्राइम से जुड़े मामले सही तरीके से डील नहीं हो पाते।

Net connection नहीं

अगर सिटी की बात करें तो रूरल एरिया के कुछ चाने में कचचयूटर तक नहीं है। उचार अर्बन एरिया के सभी थानों में कचचयूटर होने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक यहां ऑफ लाइन ही काम चल रहा है। यहां पुलिस पदाधिकारी केवल डॉचयूमेंट्स अपलोड करने का काम करते हैं।

City में cyber crime के 40 मामले हुए दर्ज : सिटी एसपी

अगर एनसीआरबी के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2011-12 में आईटी एचट के तहत झारखंड में केवल 18 केस ही रजिस्टर्ड हुए। इस दौरान जमशेदपुर में एक भी केस रजिस्टर्ड नहीं हुआ। हालांकि जमशेदपुर पुलिस का कुछ और ही कहना है। सिटी एसपी कार्तिक एस कहते हैं कि एनसीआरबी के आंकड़े गलत हैं। उचहोंने कहा कि वर्ष 2011-12 में जमशेदपुर में आईटी एचट के तहत 25 केस रजिस्टर्ड हुए जबकि वर्ष 2013 में यह आंकड़ा लगभग 40 है। अगर सिटी में साइबर क्राइम की बात करें तो कई मामलों में आईटी एचट के तहत केस न दर्ज कर आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिया गया। इनमें एटीएम प्रॉड, फेसबुक के जरिए धोखाधड़ी व परेशान करने, मोबाइल के जरिए छेड़खानी व गलत कमेंट करने के साथ ही अश्लील एमएमएस से जुड़े मामले भी हैं।

केवल 2876 cases दर्ज

यह बात तब और साफ हो जाती है जब हम नेशनल क्राइम रिकॉ‌र्ड्स चयूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट देखते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2012 में पूरी कंट्री में साइबर क्राइम के केवल 2876 केसेज ही दर्ज हुए हैं। आईटी एचट के तहत दर्ज होने वाले केसेज की यह संचया इस बात को बताने के लिए काफी है कि पुलिस इस तरह के मामलों को किस तरह से हैंडल करती है।

अमेरिकी सर्वर से अंजाम दिया जा रहा cyber crime

जानकारी के मुताबिक कंचयूमर्स के साथ फ्रॉड करने के लिए अमेरिकी सर्वर पर हाईपर टेस्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी) बेस्ड वेबसाइट बनाकर एड इश्यू किया जा रहा है। ये वेबसाइट सेफ नहीं होती है। जानकारों का मानना है कि एड्रेस कॉलम की शुरुआत में ही एचटीटीपी पढ़कर इसे पहचाना जा सकता है। जिन साइट की शुरुआत में हरे रंग से एचटीटीपीएस लिखा होता है वह अपेक्षाकृत चयादा सेफ मानी जाती है। अमेरिका से संचालित होने वाले सर्वर की आड़ में इन वेबसाइट्स को संचालित किया जाता है जिस कारचा कार्रवाई में प्रॉचलम होती है और केस इंटरपोल के पास चला जाता है।

ये है NCRB deta

-कंट्री में वर्ष 2012 में आईटी एचट के तहत केवल 2876 केस हुए दर्ज।

-झारखंड में वर्ष 2011 में आईटी एचट के 8 व वर्ष 2012 में 10 केस सामने आए।

-जमशेदपुर में वर्ष 2011-12 में आईटी एचट के तहत एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।

About cyber crime

-कंट्री में क्7 अचटूबर ख्000 से साइबर क्राइम एचट प्रभावी हुआ।

-बाद में इसमें काफी चेंजेज भी किए गए।

-इसके बाद क्भ् अचटूबर ख्008 में इसमें नया अमेंडमेंट कर दोबारा जारी किया गया।

चया हो सकती है सजा

साईबर क्राइम के तहत क्0 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपए तक के कंपनसेशन का प्रोविजन है।

हां, मैं इस बात को एडमिट करता हूं कि पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम की प्रॉपर जानकारी नहीं है। उचहें जानकारी दी जा रही है। जहां तक कचचयूटर की बात है तो सभी थानों में कचचयूटर अवेलेबल कराया गया है और उसपर काम भी हो रहा है। साइबर क्राइम के तहत अब मामले दर्ज हो रहे हैं। एक दिन पहले ही मैंने भ् केसेज दर्ज करवाए हैं और उनकी इचचवायरी भी चल रही है।

-कार्तिक एस, सिटी एसपी, जमशेदपुर