- आरपीओ के दिल्ली से आने के बाद तय होगा भविष्य

- नोटिस जारी करने के बाद भी आवेदक को दिया जाएगा एक मौका

LUCKNOWतन्वी पासपोर्ट मामले में भले ही पुलिस की एडवर्स रिपोर्ट आ गई हो, लेकिन सिर्फ इस आधार पर तन्वी और अनस का पासपोर्ट रद नहीं किया जा सकता है। जानकारों की मानें तो पासपोर्ट कार्यालय की ओर से नोटिस जारी किए जाने के बाद आवेदक को एड्रेस वेरीफिकेशन के लिए एक मौका और दिया जा सकता है। इसके बाद ही कार्यालय की ओर से अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। फिलहाल आरपीओ के दिल्ली से लौटने के बाद ही नोटिस व अन्य कदम उठाए जाने संबंधी तस्वीर साफ होगी।

पुलिस ने दी एडवर्स रिपोर्ट

पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि तन्वी की ओर से आवेदन फॉर्म में एड्रेस को लेकर जानकारी छिपाई गई है। पुलिस की रिपोर्ट से स्पष्ट हो चुका है कि तन्वी और अनस पिछले एक साल से लखनऊ में नहीं बल्कि नोएडा में रह रहे हैं। इस बाबत जानकारी आवेदन के दौरान नहीं दी गई है। वरिष्ठ अधीक्षक विकास की ओर से भी इसी बिंदु पर सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। विकास का जहां गोरखपुर ट्रांसफर कर दिया गया, वहीं तन्वी और अनस को महज एक घंटे के भीतर ही पासपोर्ट दे दिया गया था।

नोटिस तो जारी होगी

यह तो तय है कि पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट के बाद पासपोर्ट कार्यालय की ओर से तन्वी और अनस को नोटिस तो जारी की जाएगी। साथ ही जब तक दोनों की तरफ से जवाब फाइल नहीं होंगे, तब तक के लिए दोनों के पासपोर्ट सरेंडर करवा लिए जाएंगे। इसके बाद दोनों को एक मौका दिया जाएगा। अगर दोनों की ओर से अपनी बात साबित करा ली जाती है तो उनके पासपोर्ट का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

गुरुवार को साफ होगी तस्वीर

इस समय आरपीओ पीयूष वर्मा दिल्ली गए हुए हैं। वह गुरुवार को लौटेंगे। इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि तन्वी और अनस को नोटिस कब जारी होगी। साथ ही यह भी तय होगा कि दोनों को जवाब फाइल करने के लिए कितने दिन का समय दिया जा रहा है। वैसे तो नियमानुसार 30 दिन का समय निर्धारित है, लेकिन अंतिम निर्णय आरपीओ का होता है। जानकारों की मानें तो दोनों को 10 से 15 दिन का समय भी दिया जा सकता है। हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है।