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PATNA : गंभीर अपराध में पुलिस अब मनगढ़ंत कहानी नहीं बना पाएगी. पुलिस को हर गंभीर अपराध के सबूत को संभालकर रखना होगा. पुलिस अब हत्या, रेप सहित अन्य गंभीर अपराध में घटना स्थल का वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करेगी. इसके बाद इसे संभाल कर रखना होगा. इस वीडियो को केस से संबंधित सभी पदाधिकारी देख सकते हैं. वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी ऑफ द सीन ऑफ क्राइम के प्लान ऑफ एक्शन के प्रथम चरण की शुरूआत सोमवार से की जा रही है. ये ट्रेनिंग दो दिन की होगी. इसमें सभी पुलिसकर्मियों को विभिन्न तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. पहले चरण में पटना के पांच थाने को चिंहित किया गया है. इसमें कोतवाली, दानापुर, चौक, नौबतपुर और मसौढ़ी थाने को चिंहित किया गया है. दो दिवसीय ट्रेनिंग के लिए प्रभारी निदेशक बीके चौधरी एवं शहनवाज अनवर स्टेट एग्जामिनर ऑफ फोटो नोडल अधिकारी बनाया गया है.

जांच में आएगी पारदर्शिता

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गंभीर अपराध में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी बनाने से केस में पारदर्शिता आएगी. केस से जुड़े सभी लोग उस वीडियो को देख सकते हैं. पीडि़त पक्ष पुलिस पर अब साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ का आरोप नहीं लगा पाएंगे. साथ ही वीडियो को कभी भी सीनियर पुलिस अफसर देख सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट में अगर न्यायाधीश भी अगर घटनास्थल देखना चाहेंगे तो वो भी इसे देख सकते हैं.

भविष्य में पुलिस तैयार करेगी वीडियो की लाइब्रेरी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तो प्रारंभिक तौर पर ट्रेनिंग दी जा रही है. भविष्य में एक लाइब्रेरी भी तैयार होगी. उसमें पुलिस गंभीर अपराधों की श्रेणी बनाकर वीडियो रखेगी. पुलिस जब भी गंभीर अपराध की जांच में उलझेगी तो पुराना वीडियो भी देख सकती है. इससे पुलिस को काफी मदद मिलेगी. इससे केस की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी.

स्वत: सत्यापित कर रखना होगा दस्तावेज

गंभीर अपराध में जो भी पुलिसकर्मी घटनास्थल पर जाएंगे वो लोग वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी बनाने के बाद डिजिटल इमेजिंग रिकॉर्ड शीट फार्म भरेंगे. केस डायरी के साथ स्वत: सत्यापित कर संबंधित दस्तावेज को संभालकर रखेंगे. जब कभी भी अगर उसकी जरूरत पड़ेगी तो उस दस्तावेज को पेश करना होगा.