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PATNA : चुनाव आचार संहिता लगने के बाद पुलिस और प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुट गई है. आम लोगों पर वीआईपी और वीवीआईपी का कोई दबाव नहीं पड़े और लोग निर्भीक होकर मतदान करें इसके लिए सुरक्षा में कटौती की जा रही है. निर्वाचन आयोग ने इसके लिए पुलिस को निर्देश दिया है. निर्देश मिलने के बाद पुलिस भी तैयारी में जुट गई है. पटना एसएसपी गरिमा मलिक के नेतृत्व में इसके लिए एक टीम बना दी गई है. इस टीम में एसपी ग्रामीण संजय कुमार और ऑपरेशन एएसपी अनिल कुमार को शामिल किया गया है. वीआईपी, वीवीआईपी और बाहुबली की सूची पुलिस तैयार कर रही है. हालांकि अभी तय नहीं हुआ है कि किसकी सुरक्षा कम की जाएगी. पुलिस लगातार इस पर मंथन कर रही है.

3500 लोगों को मिली है सुरक्षा

पटना में 3500 वीआईपी, वीवीआईपी, बाहुबलियों सहित अन्य लोग हैं जिन्हे सुरक्षा दी जाती है. इनके पीछे करीब 10 हजार सुरक्षाकर्मी लगे हुए हैं. इसमें गार्ड, हाउस गार्ड, होम गार्ड शामिल हैं. इन सभी की पुलिस बहुत ही बारीकी से मॉनिटरिंग कर रही है. पुलिस उन वीवीआईपी का रिकॉर्ड खंगाल रही है. इसके बाद पुलिस सुरक्षा कम करने और हटाने का निर्णय ले पाएगी.

इस तरह होता है सुरक्षा घेरा

जेड प्लस-36 सुरक्षाकर्मी (10 एनएसजी के अलावा सुरक्षाबल)

जेड-22 सुरक्षाकर्मी (4-5 एनएसजी के अलावा सुरक्षाबल)

वाई-11 सुरक्षाकर्मी (1-2 कमांडो के अलावा सुरक्षाबल)

एक्स-2-5 पुलिसकर्मी/सुरक्षाकर्मी(कमांडों नहीं) (जेड प्लस में पायलट गाडि़यां और ट्रेंड जवानों की टीम होती है. 24 घंटे दो आर्म गार्ड की मौजूदगी. हाउस गार्ड भी होते हैं.

किसे कितनी मिलती है सुरक्षा

मंत्री को 3 बॉडीगार्ड, 10 जवानों का एस्कॉर्ट.

मंत्रियों को 2-8 का एस्कार्ट दिया जाता है. इसमें से 1-4 का बल एस्कार्ट में साथ रहता है.

1-4 का बल हाऊस गार्ड के रूप में. वहीं, 3 बॉडीगार्ड और स्पेशल ब्रांच के 3 सिपाही भी उनकी सुरक्षा में रहते हैं.

सांसद, विधायक, विधान पार्षद को 3-3 बॉडीगार्ड मिलते हैं.

नौकरशाह आईएएस, आईपीएस अफसरों को बॉडीगार्ड एलॉट हैं.

जिलों में डीएम और एसपी के पास बॉडीगार्ड और हाऊस गार्ड हैं.

बिहार में करीब 15 लोगों को केंद्र सरकार ने एक्स, वाई से लेकर जेड श्रेणी तक की सुरक्षा दी है.