हां, अगर किसी तरह कोई पकड़ में आ भी गया तो उसे भगाने के लिए खाकी के पास तमाम फॉर्मूले हैं। इनमें सबसे नायाब तरीका है कोर्ट में पेशी। चंद रुपयों के खातिर पुलिसवाले खूंखार बदमाशों की न सिर्फ हर ख्वाहिश पूरी करते हैं बल्कि हथकड़ी खोलकर आजाद तक कर देते हैं। इसके बाद शुरू होता है एक्शन, सस्पेंशन, मुकदमा और बहाली का खेल।

ऐसे होती है setting

कुलीबाजार का रहने वाला पप्पू (बदला हुआ नाम) स्मैक की तस्करी में गिरफ्तार हुआ है। पप्पू ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को पेशी के दौरान होने वाले हर खेल के बारे में बताया। पप्पू के मुताबिक, पेशी के दौरान ही ऐसा मौका होता है जब वो परिजनों से आराम से मुलाकात करते हैं। साथ ही घर के बने खाने और होटल के लजीज व्यंजनों का भी स्वाद लेते हैं। हर सुविधा के लिए रेट फिक्स हैं।

आंखों ही आंखों में deal

कोर्ट में तारीख पर आते वक्त अगर कोई आरोपी बिना हथकड़ी के चलना चाहता है तो 60 रुपए तय हैं। अगर फैमिली मेंबर्स से मिलना चाहते हैं, उनके साथ बैठकर रेस्टोरेंट में खाना है तो दो घंटे का 1200 रुपए देना पड़ता है। पेशी के दौरान सिपाहियों से आंखों ही आंखों में डील हो जाती है। हिरासत से फरार होने में नौकरी का रिस्क होता है इसलिए सौदा मोटी रकम में तय होता है.  तय जगह पर रकम पहुंचा दी

जाती है।

कैदी फरार, पुलिस जेल में

कैद से भगाने की सेटिंग के खेल में कोर्ट के आसपास के कई होटल्स, पान के खोखे वाले, जूस वाले, लस्सी वाले भी शामिल होते हैं। कैदी पहले यहां खाने-पीने के लिए रुकते हैं। इसी दौरान आंखों से इशारा हो जाता है। जूस या लस्सी में नशीला पदार्थ मिलाकर पुलिसकर्मी को पिला देते हैं। इसके बाद मिनटों में सारा काम हो जाता है।

पुलिसकर्मी पहुंच जाता है हवालात और अपराधी आजाद। कुछ शातिर क्रिमिनल्स कस्टडी में लेकर आने वाले पुलिसकर्मियों को डरा-धमकाकर उन्हें अपने मुताबिक मोल्ड कर लेते हैं। क्योंकि पुलिसकर्मी पर क्रिमिनल को सही सलामत कोर्ट पहुंचाने कोर्ट से जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है।

पहले suspend फिर बहाल!

खाकी क्रिमिनल्स पर किस कदर मेहरबान है इसका अंदाजा लगाने के लिए पुलिस का रिकॉर्ड ही काफी है। जिला जेल में एक-दो नहीं बल्कि पूरे 13 पुलिसकर्मी अपराधियों को भगाने के आरोप में सलाखों के पीछे हैं तो कई जमानत पर बाहर आ चुके हैं.  सोर्सेज के अकॉर्डिंग, रेयर केस में ही किसी पुलिसकर्मी को फाइनली सजा हो पाती है। कोर्ट से छूटकर कुछ दिनो में वो बहाल हो जाते हैं।