प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी दिव्या, अरैल के पास हुआ था मर्डर

दरोगा की पत्‍‌नी की हत्या भी रेप में असफल होने के बाद की गई थी

प्रधान के बेटे समेत तीन को पुलिस ने दबोचा, कई के साथ रेप का आरोप

ALLAHABAD: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाली दिव्या तिवारी को इज्जत बचाने के लिए जान गंवानी पड़ी थी। इज्जत बचाने के लिए उसने अंतिम दम तक संघर्ष किया और सफल न होने पर सीरियल रेपिस्ट ने उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इसी से मिलती जुलती कहानी दरोगा की पत्‍‌नी की भी है। उसे भी आबरू लूटने की इजाजत न देने और विरोध करने पर मौत के घाट उतारा गया था। इन दोनों घटनाओं को एक ही ग्रुप ने अंजाम दिया था। पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर प्रदीप महरा के भाई जीतू महरा व उसके दो साथियों विपिन उर्फ सलमान तथा धनंजय ठाकुर को मुठभेड़ के बाद अरेस्ट कर बहुचर्चित दिव्या तिवारी, सीआरपीएफ के दरोगा सुनील कुमार सिंह की पत्‍‌नी व एलस्ट्राम के कर्मचारी शोभनाथ के कत्ल के खुलासा किया। जीतू सीरियल रेपिस्ट है। क्राइम ब्रांच ने तीनों को अरेस्ट कर तमंचा, कारतूस व एक कार बरामद की है। इसी कार में दिव्या को खींचने की कोशिश हुई थी। जीतू की मां विमला देवी अरैल की प्रधान हैं।

पुलिस पर किया फायर

एसएसपी ने तीनों आरोपियों को सोमवार को मीडिया के सामने पेश किया। तीनों की अरेस्टिंग रविवार को सरपतिहा मोड़ के पास से दिखाई है। एसएसपी के अनुसार खुद को घिरा पाकर जीतू ने कार को पुलिस पर चढ़ाने की कोशिश की थी। कार बंद हो गई तो उसने भागने की कोशिश की और पुलिस पर तमंचे से फायर किया। पुलिस टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची थी, इसलिए वे पकड़े गए। दिव्या तिवारी का कत्ल तीन सितंबर की शाम डीपीएस स्कूल के पास कर दिया गया था। दिव्या चकदोंदी के चीनी मिल के पास की रहने वाली थी। वह जार्जटाउन की एक कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आती थी। पुलिस के अनुसार घटना के वक्त वह अपने दोस्त मोहित जैन के साथ थी। पुलिस ने खुलासा धनंजय ठाकुर के इकबालिया बयान पर किया है।

अकेले पाकर बिगड़ी नीयत

एसएसपी के मुताबिक कार से जीतू, विपिन व धनंजय अरैल की तरफ जा रहे थे तभी उनकी नजर डीपीएस के पास पुलिया से कुछ दूरी पर एक बाइक खड़ी दिखाई दी। तीनों कार रोककर पुलिया के नीचे पहुंचे तो वहां दिव्या व मोहित आपत्तिजनक स्थिति में मिले। पहले तो जीतू ने धमकाया कि उसके इलाके में यह सब करने की हिम्मत कैसे हुई लेकिन बाद में वह दिव्या के साथ जबर्दस्ती की कोशिश करने लगा। दिव्या ने विरोध किया व मोहित भी गिड़गिड़ाने लगा। इसका जीतू पर कोई असर नहीं पड़ा। तीनों दिव्या को घसीटते हुए कार तक ले आए। इसमें दिव्या के कपड़े फट गए। इसी बीच एक महिला स्कूटी से आ गई और दिव्या की चीख सुनकर रुक गई। दिव्या की गुहार पर वह भी मदद के लिए आगे आई। इसका जीतू पर कोई असर नहीं पड़ा। इसी बीच दिव्या ने नाखून से जीतू का मुंह नोच लिया तो उसने तमंचा निकालकर गोली मार दी। गोली कंधे पर लगी थी। मोहित व महिला को धमकाकर उसने भगा दिया।

धमका कर वसूले 90 हजार

घटना को लेकर न्यूज पेपर्स में हो रही कवरेज पर तीनों की नजर थी। घटना के कुछ दिन बाद जीतू ने मवईया गांव के पास स्कूटी वाली महिला को देख लिया। तीनों पीछा करते उसके घर पहुंच गए। कहा कि अपने बेटे की जिंदा देखना चाहती है तो उसे रुपए दे। महिला ने डर के मारे दो बार में जीतू को 90 हजार रुपए दिए। जीतू के डर से महिला ने नैनी इलाका ही छोड़ दिया।

मोहित जानता था जीतू को

दिव्या के दोस्त मोहित की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस को शक है कि मोहित कातिल जीतू को जानता था। वह पुलिस को कहानियों में उलझाता रहा था। वह कभी कहता कि हमलावर बाइक से थे तो कभी कहता था कि कार से। एक बार उसने बयान दिया था कि बाइक से जाते वक्त हमला हो गया था। एसएसपी का कहना है कि मोहित ने झूठा बयान पुलिस को दिया था। उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

कुख्यात है पूरा खानदान

जीतू महरा का पूरा खानदान नैनी इलाके में कुख्यात है। उसका बड़ा भाई प्रदीप महरा हिस्ट्रीशीटर है। उसके परिवार के कई सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं। महरा परिवार की आय का मुख्य साधन बालू है। जमीन के अलावा और भी धंधे यह परिवार करता है। एक पूर्व सांसद से नजदीकियां बढ़ाने के बाद प्रदीप की दहशत और बढ़ गई थी। इधर बीच महरा परिवार के टिंकू ने अलग गुट बना लिया है। प्रदीप ने अपने एक करीबी को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जितवा दिया था।

बीएससी पास, पर लिखना नहीं आता

जीतू महरा ने बीएससी तक की पढ़ाई की है लेकिन उसे ठीक से लिखना तक नहीं आता। उसके साथी धनंजय ने भी बीएससी तक की पढ़ाई की है। एसएसपी के मुताबिक धनंजय घटना के बाद वाराणसी भाग गया था और दो महीने बाद लौटा था। जीतू को लगा था कि यह मामला कभी खुलेगा नहीं। पुलिस को शक था कि इस घटना को इलाके के ही लोगों ने अंजाम दिया था। जब पुलिस के हत्थे जीतू का गुर्गा धनंजय चढ़ा और उसे टाइट किया गया तो मामला खुल गया।

हाईकोर्ट पहुंचने के बाद आई तेजी

दिव्या के मर्डर का मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद पुलिस एकाएक एक्टिव हुई थी। दिव्या के भाई ने हाईकोर्ट में अर्जी दी थी कि मोहित का संबंध पूर्व डीजीपी एके जैन है। उन्हीं के दबाव में पुलिस मर्डर का खुलासा नहीं कर रही। अर्जी करीब 15 दिन पहले दी गई थी। एसएसपी ने बताया कि सीआरपीएफ के दरोगा सुनील की पत्‍‌नी पुष्पा पर भी जीतू की नजर थी। 21 जुलाई 2015 को बच्चों के स्कूल जाने के बाद पुष्पा घर पर अकेली रहती थी। जीतू उसे अकेला पाकर घर में घुस गया और रेप की कोशिश की। वह कामयाब नहीं हो सका तो उसने पुष्पा का चाकुओं से गोदकर कत्ल कर दिया।

लूट के लिए मारा था कर्मचारी को

एसएसपी ने बताया कि जीतू ने स्वीकार किया है कि उसने विक्की बिहारी उर्फ प्रभाकर, धनंजय, पंकज सिंह उर्फ जुआरी के साथ 18 अगस्त 2015 की रात एलस्ट्राम के कर्मचारी शोभनाथ से लूट की कोशिश की थी। विरोध पर तमंचे की बट व ईट पत्थर से उसे मारा गया था। बाद में शोभनाथ ने दम तोड़ दिया। एसएसपी ने अरेस्टिंग करने वाली टीम को इनाम देने की घोषणा की है।

न जाने कितनों की लूटी आबरू

जीतू ने हवस की आग को ठंडा करने के लिए न जाने कितनी लड़कियों की आबरू लूटी होगी। पुलिस का कहना है कि वह अक्सर प्रेमी जोड़ों की तलाश में लगा रहता था। पकड़े जाने पर वह लड़कियों के साथ रेप करता था और धमकाकर भगा देता था। उसके खिलाफ कभी रिपोर्ट नहीं दर्ज हुई थी।

यह पकड़े गए

1. जीतू महरा उर्फ जीतू निषाद, अरैल। मुकदमे-17

2. विपिन उर्फ सलमान उर्फ अमर अली, बांका जलालपुर, मऊआइमा। हाल पता मैना देवी स्कूल नैनी के पास। मुकदमे-5

3. धनंजय ठाकुर उर्फ धनंजय सिंह, अहरौरा मिर्जापुर। हाल पता नैनी।

बरामदगी : 12 बोर का तमंचा, तीन कारतूस, एक खोखा, दो बम, मारुति अल्टो।

अरेस्टिंग करने वाली टीम : प्रभारी इंटेजिलेंस विंग जेपी राय, एचसीपी जितेंद्र पाल सिंह, अवधेंद्र तिवारी, पवन सिंह, अभय सिंह, जुलकर नैन, उदय सिंह, रविसेन सिंह, ज्ञानेंद्र राय, अवनीश कुमार, राजेश कुमार, पंकज गिरी, विजय श्रीवास्तव, एसओ औद्योगिक क्षेत्र पंकज कुमार सिंह।