रेलवे के टीटीई की मामूली विवाद में उतारा गया था मौत के घाट

दो हत्यारे जेल में पहले से बंद पुलिस को अब पता चला

ALLAHABAD: कारण सड़क पर बना गड्ढा और उसमें भरा पानी था और जान गंवानी पड़ गई रेलवे के टीटीई को। एक्सीडेंट में नहीं गोली खाकर। यह सनसनीखेज खुलासा पुलिस ने बुधवार को रेलवे के टीटीई हत्याकांड का खुलासा करते हुए किया। एक और चौंकाने वाला खुलासा इसके साथ जुड़ा है। वह यह कि इस घटना में शामिल दो आरोपी पहले से जेल में हैं, इसके बाद भी पुलिस को इसका खुलासा करने में 11 महीने लग गए। पुलिस ने बुधवार को दो आरोपियों को मीडिया के सामने पेश किया और बताया कि एक आरोपी अब भी पकड़ से बाहर है।

ड्यूटी पर जाते वक्त हुई थी हत्या

मामला पिछले साल अगस्त महीने का है। रेलवे में टीटीई के पद पर तैनात धूमनगंज में रहने वाले वीरेन्द्र कुमार चौधरी की रात में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त वह घर से ड्यूटी पर जाने के लिए निकले थे। घटना के बाद उनके पास मौजूद मोबाइल के गायब न होने से बार मामला एक्सीडेंट की तरफ डायवर्ट हुआ लेकिन पीएम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने आई तो पुलिस ने मर्डर का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू की। तब इस घटना को लेकर तमाम कयास लगाए गए थे। उनकी फोन पर किसी से लम्बी बातचीत चर्चा के केन्द्र में थी। लेकिन, इससे पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा।

सूबेदारगंज से दिखाई गिरफ्तारी

बुधवार को एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि 26 अगस्त की रात करीब दस बजे वीरेन्द्र ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकले। शेरवानी मोड़ के पास उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। मंगलवार रात खबर मिली की हत्याकांड से जुड़े कुछ आरोपी सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन के पास हैं। क्राइम ब्रांच और धूमनगंज पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी मंजीत सोनकर व इमरान निवासी दरियाबाद को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने हत्याकांड में शामिल होने की बात कबूल की। एसएसपी के मुताबिक इस घटना को अंजाम देने में कुल पांच लोग शामिल थे।

मंजीत ने बताया कि घटना के दिन सुएब, मुकुल सोनकर, इमरान व रोहित ने अनिल सोनकर के घर बैठकर शराब पी थी। नशे में धुत होकर वे दो बाइक से सूबेदारगंज की तरफ से जयरामपुर होते हुए शेरवानी मोड़ जा रहे थे। वीरेन्द्र कुमार भी पैदल अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे। मोटरसाइकिल का चक्का सड़क पर पानी से भरे गड्ढे में पड़ा और छींटे वीरेन्द्र के कपड़ों पर पड़ गए। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए आपत्ति जता दी। इस पर सुएब बाइक से उतरकर वीरेन्द्र से भिड़ गया। विवाद बढ़ा तो रोहित व मुकुल ने वीरेन्द्र को पकड़ लिया और सुएब ने तमंचे से वीरेन्द्र के सिर पर गोली मार दी। हत्याकांड के बाद पकड़ा गया आरोपी मंजीत सोनकर मुम्बई चला गया था और वहीं काम करने लगा था।

मुख्य आरोपी शोएब और रोहित के बारे में पुलिस को पता चला है कि वे किसी दूसरी वारदात में फिलहाल जेल में हैं। चौथा आरोपी मुकुल सोनकर अभी पकड़ से बाहर है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

-आनंद कुलकर्णी

एसएसपी, इलाहाबाद