मई 2015 तक सिर्फ 7 मर्डर को ही कर सकी वर्कआउट

बाकी मामलों फाइलों में जांच का विषय बिंदु बनकर उलझे

BAREILLY: आंकड़े बताते हैं कि इस साल मई तक डिस्ट्रिक्ट में हर तीसरे दिन एक व्यक्ति का खून हुआ है। इस गंभीर अपराध पर नकेल लगा पाना तो दूर की बात है, पुलिस इन हत्याओं में महज 9 के कारणों की तलाश कर पाई। यानि कि, मर्डर के 42 अन्य मामलों में पुलिस के हाथ खाली हैं। इन मामलों में पुलिस के लिए मुजरिम पकड़ना तो दूर की बात रही, वह क्लू भी नहीं तलाश पाई।

केस 1- 29 मई को नकटिया में बुजुर्ग मुंशी सफी की हत्या कर दी गई जिसका अभी तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है

केस 2- 27 मई को कोतवाली में इमरान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसका भी पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर सकी है।

नाकामी को मामूली बात कह रही पुलिस

जिन भी केस को पुलिस वर्कआउट नहीं कर पा रही है, उन्हें मामूली बातों में की गई हत्या कहकर हल्का कोशिश करने में लगी हुई है। पुलिस का कहना है कि जमीन-जायदाद, लेन-देन व प्रेम संबंधों में की गई हत्याओं का खुलासा पुलिस ने तुरंत या कुछ दिनों में कर लिया।

फाइलों में बंद हो गए केस

मर्डर के बाद मौके पर पुलिस पहुंची ने हर एक मामले में तहकीकात शुरू की, लेकिन वह हकीकत का पता लगाने में नाकाम रही। लिहाजा, वर्कआउट न हो पाने वाले सभी मामले पुलिस की फाइलों में बंद पड़े हैं। पुलिस ने जिन मामलों में खुलासा करने में कामयाब हुई है, उनमें पांच मामले प्रेम संबंध के थे, जिनमें ऑनर किलिंग जैसी भी घटनाएं शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस को सम्पत्ति व लेने-देन के वही मामले हाथ आए, जिनमें हत्यारा मौके पर सुबूत छाेड़ गया।

तीन दिन में एक मर्डर

मई 2015 तक के रिकॉर्ड पर गौर करें तो एक और बात निकलकर सामने आई है कि जिले में मर्डर का सिलसिला लगातार जारी है। ऐवरेज तीन दिन में एक मर्डर को अंजाम दे दिया जाता है चाहें इसके पीछे की वजह कोई भी हो। 31 मई तक 151 दिन होते हैं और इतने दिनों में 51 मर्डर हुए हैं।