- सुबह सात बजे से पहले ही मतदान केंद्रों के बाहर जुटने लगी थी वोटर्स की भीड़

- दोपहर खिली तेज धूप तो केंद्रों पर पसर गया सन्नाटा, खाली सड़कें मिलीं तो बच्चों ने किक्रेट खेलकर लिया आनंद

बरेली : टूयूजडे को दिन की शुरूआत के साथ ही सड़कों पर चहल पहल नजर आने लगी. मौका था लोकतंत्र के महायज्ञ का, जिसमें अपने वोट के जरिए आहूति देने हर कोई उत्सुक था. पोलिंग सेंटर पर सुबह करीब छह बजे से ही वोटर्स पहुंचने लगे, जबकि मतदान सात बजे से शुरू होना था. मतदान शुरू होने से पहले ही बूथों के बाहर मतदाता लाइन लगाकर अपनी बारी के इंतजार में खड़े हो गए और सात बजते ही शुरू हो गया वोटिंग का सिलसिला. इसके बाद जैसे-जैसे सूरज चढ़ा लाइन लंबी होती गई. लेकिन दोपहर एक बजे के बाद धूप की तपिश बढ़ी तो धीरे-धीरे बूथों पर वोटर्स की लाइन भी छोटी होती चली गई और दो बजे तक ज्यादातर बूथ सूने नजर आए. इसके बाद करीब चार बजे तक इक्का-दुक्का वोटर ही अपने मताधिकार का प्रयोग करने आते रहे.

फिर बढ़ने लगी भीड़

करीब चार बजे सूरज की तपिश कम होनी शुरू हुई तो एक बार फिर पोलिंग सेंटर पर मतदाताओं के आने की रफ्तार तेज हुई और एक बार फिर बूथों पर लाइन लगने लगी. शाम छह बजे तक मतदान का समय निर्धारित था. इसके चलते छह बजे तक जो भी वोटर पोलिंग सेंटर के अंदर पहुंच चुके थे उन्होंने छह बजे के बाद भी मतदान किया.

मायूस होकर लौटे

शाम छह बजते ही पोलिंग सेंटर्स के गेट बंद कर दिए गए. इसके बाद जो भी वोटर आए उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा. हालांकि ऐसे वोटर्स की संख्या काफी कम रही.

सुबह से ही लग गई लंबी लाइन

सुभाषनगर के मढ़ीनाथ स्थित सिंचाई विभाग डिवीजन में बने मतदान केंद्र पर सुबह से दोपहर 12 बजे तक काफी लंबी लाईन लगी रही जो कि तेज धूप निकलने के बाद कम होती चली गई. वहीं शाम को वोटिंग समय समाप्त होने तक फिर से केंद्र पर वोटर की काफी लंबी लाईन लगी थी. यही हाल किला के जसौली, सुभाषनगर के आर्यपुत्री इंटर कॉलेज आदर्श बूथ, कांकर टोला प्राइमरी स्कूल, बालजती स्कूल, पं. दीनानाथ इंटर कॉलेज, सरस्वती विद्या मंदिर जगतपुर, मनोहर भूषण इंटर कॉलेज, साहू रामस्वरुप महाविद्यालय और तिलक इंटर कॉलेज समेत अन्य पोलिंग सेंटर पर रहा.

छुट्टी मिली तो लगे मौज करने

एक ओर जहां शहरवासी अपना वोट डालने के बाद गली-मुहल्लों में चुनावी चर्चा करते नजर आए तो दूसरी ओर बच्चों ने गली मुहल्लों और चौराहों की मेन सड़कों के किनारे किक्रेट खेलकर चुनावी छुट्टी का आनंद लिया. अयूब खां चौराहे से कुतुबखाना की ओर जाने वाली रोड पर बच्चे किक्रेट खेलते नजर आए. यह नजारा सिकलापुर चौराहे के पास भी देखने को मिला.

ठेले वालों की बल्ले-बल्ले

चुनावी अवकाश होने के कारण बाजार बंद था, रेलवे जंक्शन, रोडवेज स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को भूख शांत करने के लिए एक मात्र सहारा ठेले वाले ही बने, जिससे ठेले वालों को अन्य दिनों से अधिक मुनाफा हुआ.

आओ हो जाएं दो-दो हाथ

पुरुषों ने सुबह ही अपना वोट डाला और दोस्तो के साथ चुनावी नतीजे क्या होंगे इसको लेकर कयास लगाने में जुट गए. हालांकि जो लोग इन चर्चाओं से मरहूम रहे गए उन्होने समय की बर्बादी न करते हुए दोस्तों के संग चौराहों पर लगे घने पेड़ के नीचे फड़ बिछाकर ताश के पत्तों के साथ दो-दो हाथ कर अवकाश आनंद लिया.