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- पुष्टि के लिए स्टूल को भेजा है डब्ल्यूएचओ लैब लखनऊ

- डॉक्टर्स का मनाना है कि पोलियो हो सकता है।

BAREILLY:

शहर से 20 किलोमीटर दूर फतेहगंज पश्चिमी में एक संदिग्ध मामला सामने आया है। फतेहगंज के असंारी मोहल्ले में रहने वाले गुलाम नवी के ढाई साल के बेटे सुभान के पैर में पोलियो के संदिग्ध लक्षण दिखाई दिए हैं। इसकी तस्दीक के लिए डॉक्टर ने बच्चे का स्टूल टेस्ट करने के लिए लखनऊ स्थित डब्ल्यूएचओ लैब भेज दिया है। लखनऊ में जांच नही हो सकी तो उसे डब्ल्यूएचओ मुंबई के लिए भेज दिया जाएगा। डॉक्टर्स के मुताबिक भेजे गए सेंपल की रिपोर्ट अगले 15 दिन में आ जाएगी।

बुखार आने के बाद लंगड़ाने लगा

ढाई साल के सुभान के पिता ने बताया कि सात आठ दिन पहले उसे तेज बुखार आया था, जिसके बाद मोहल्ले के ही डॉक्टर से उसे दवाई दिला दी, लेकिन कोई फायदा नही हुआ। जिसके बाद उसे कस्बे के ही डॉक्टर जहरुद्दीन से दवाई दिलाई बुखार तो उतर गया, लेकिन वह लंगड़ाने लगा। जब डॉक्टर को दोबारा दिखाया तो उन्होंने सीएचसी में दिखाने की बात कही। तो फिर उसे फतेहगंज के ही सीएचसी में दिखाया वहां डाक्टर ने उसकी जांच के लिए सेंपल को भेज दिया है।

हो सकता है पोलियो

जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सीएचसी पहुंची तो वहां जाकर पूरे मामले की जानकारी ली। तो डॉक्टर ने बताया कि सुभान के पैरों ने अचानक से ही काम करना बंद कर दिया था। खड़ा तक नहीं हो पा रहा था। तो पोलियो का शक हुआ। पोलियो का शक दूर करने के लिए दो दिन सुबह-शाम का स्टूल की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ लखनऊ के लिए भेज दिया है। साथ ही, कहा कि हालांकि पोलियो के चांस थोड़े कम है।

क्या है एएफपी

एएफपी 'एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस' कोई टेस्ट नहीं बल्कि यह एक लक्षण है, जिसमें किसी बच्चे का कोई भी अंग अचानक से काम करना बंद कर देता है। यदि किसी बच्चे को एएफपी है तो एक शक पैदा होता है कि कहीं उसे पोलियो तो नहीं है। इस बात की पुष्टि के लिए उसके दो दिन के स्टूल को जांच के लिए डब्ल्यूएचओ की लैब में भेजा जाता है। जहां उसकी जांच में पोलियो के होने और न होने की पुष्टि की जाती है।

पोलियो की कम हो संभावना

सुभान के पिता की घर से करीब 3 किलोमीटर दूर चिटौरी में एक वेल्डिंग की शॉप है। वह उसी से अपना घर चलाते है। इस गांव में हर व्यक्ति के घर में सोक पिट वाले टॉयलेट बने हुए हैं। बच्चा अभी स्कूल जाता नहीं हैं। ऐसे में, इस बात की संभावना कम जताई जा रही है कि बच्चा पोलियो से ग्रस्त है।