स्टूडेंट्स को लीड करके शुरू किया पॉलिटिकल कॅरियर, बन गये अपराधी

एक सप्ताह के भीतर पांच छात्र नेता हो चुके हैं 25 हजार के इनामी

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और उससे एफीलिएटेड कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के पक्ष में खड़े होकर माहौल बनाने वाले पांच पूर्व छात्र नेता पिछले सात दिनो के भीतर 25 हजार के इनामी घोषित हो चुके हैं। पुलिस की यह ताबड़तोड़ कार्रवाई प्रत्याशियों को रास नहीं आ रही है फिर भी वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। इन सभी पर चुनाव के दौरान निगाह रखने या पकड़कर जेल भेज देने के लिए एसटीएफ तक को मैदान में उतार दिया गया है। इतने के बाद भी कैंपस में मंगलवार की रात भाजपा विधायक के साथ वायरल हुई एक इनामिया की फोटो ने पुलिस के कार्रवाई को लेकर गंभीर होने पर सवाल खड़ा कर दिया है। बुधवार को एसएसपी ने सीएमपी डिग्री कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और एक पूर्व सपा विधायक के करीबी अजीत यादव का नाम इससे जोड़ दिया।

एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि उसके खिलाफ जार्जटाउन थाने में गंभीर धाराओं में सात व सिविल लाइंस थाने मे कई मुकदमें हैं।

कौन हैं 25 हजार के इनामी छात्र नेता

अभिषेक सिंह माइकल, पूर्व महामंत्री एयू

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महामंत्री रह चुके शहर उत्तरी के भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी से भी उसकी नजदीकियां है। मंगलवार को ही विधायक के साथ उसकी फोटो वायरल हुई थी। इसके बाद भी विधायक उससे कोई संबंध न होने का दावा कर रहे हैं। उसने भी वर्ष 2012 में महामंत्री पद का चुनाव लड़ा और जेल में रहते हुए जीत हासिल की। कहा जाता है कि चुनाव में उसकी जीत का खाका तैयार करने में विवि के ही एक प्रोफेसर का हाथ भी था। वर्ष 2012 में चुनाव परिणाम अगले दिन सुबह घोषित हुआ था। तब पूरी रात सड़क पर माइकल समर्थकों ने बमबाजी की थी। माइकल ताराचन्द छात्रावास का पूर्व अन्त:वासी तथा लॉ का स्टूडेंट भी रहा है।

अभिषेक सिंह सोनू,

2012 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष के लिए किस्मत आजमाने मैदान में उतरा था। इसी दौरान उसकी दुश्मनी अभिषेक सिंह माइकल से हुई। दोनो के बीच रंजिश की पराकाष्ठा इस लेवल पर है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद निकले जुलूस में शामिल किसी ने उसे लल्ला चुंगी पर गोली मार दी थी। आरोप माइकल पर लगा था। हाल में उसका नाम एक मामले में जेल से रिहा होने के बाद वाहनों के लम्बे-चौड़े काफिले के साथ शहर आने पर चर्चा में आया था।

अच्युतानंद शुक्ला

अच्युतानंद शुक्ला पीसीबी हास्टल का पूर्व अन्त:वासी रहा है। उसने भी वर्ष 2012 में उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। उस समय छात्रसंघ भवन की प्राचीर से उसने जो दक्षता भाषण दिया था। उसकी स्पीच वह जेल से एक पर्चे पर लिखकर लाया था। उसे चुनाव में हार मिली। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी उसका पीसीबी में आना जाना लगा रहा। अपराध की दुनिया में तेजी से उभरे अच्युतानंद ने कटरा में एक सिपाही को गोली मारकर सुर्खियां बटोरी थी। पकड़े जाने के बाद कर्नलगंज थाने की पुलिस ने उसे थाने ले जाकर जमकर पीटा था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

आकाश सिंह

आकाश का नाम भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ही जुड़ा हुआ है। उसका नाम पिछले साल उछलकर सामने आया था। कारण था ताराचंद हॉस्टल के भीतर बसपा नेता राजेश यादव की हत्या। पुलिस के अनुसार उसका राजेश यादव से झगड़ा पीसीबी हॉस्टल में हुआ था। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ ताराचंद हॉस्टल प्रिमाइस में मौजूद राजेश यादव पर धावा बोला। गोली लगने से राजेश की मौत हो गयी। पुलिस ने इसमें आकाश को वांटेड किया था।

अजीत सिंह, पूर्व अध्यक्ष सीएमपी

एक पूर्व सपा विधायक के करीबियों में गिना जाने वाला अजीत सिंह सीएमपी डिग्री कॉलेज छात्रसंघ का पूर्व अध्यक्ष रह चुका है। उसकी भी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। थाना जार्जटाउन में 7 गंभीर मुकदमे व थाना सिविल लाइन्स थाने में विभिन्न अभियोगों मे नामजद है। मूल रूप से वह सहनदपुर थाना बरेसर जनपद गाजीपुर का रहने वाला है और वर्तमान में 54बी पत्रकार कालोनी थाना कैण्ट में रहता है। सिविल लाइन्स थाने के मुअस 489/18 धारा 504/507/384 भादवि में वांछित होने कारण उसे 25 हजार का इनामी घोषित किया गया है। उसका नाम भाजपा युवा नेता राणा यशवन्त प्रताप सिंह पर कातिलाना हमले में सामने आ चुका है।

आपराधिक पृष्ठभूमि के आधार पर सभी पर इनाम घोषित किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए कर्नलगंज थाने की पुलिस के साथ एसटीएफ और सर्विलांस टीम को लगाया गया है।

नितिन तिवारी, एसएसपी

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छात्र संघ प्रत्याशी पर हमला

सीएमपी डिग्री में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अरूण चौधरी पर बुधवार की शाम बम से हमला किया गया। हमले में वह बाल-बाल बच गए। घटना जार्जटाउन थाना क्षेत्र के नेता चौराहे के पास हुई। सूचना मिलने पर पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंची, तब तक हमलावर भाग चुके थे। इंस्पेक्टर निशिकांत राय का कहना है कि कुछ लोगों पटाखे फोड़े थे। उधर, सीएमपी में ही बुधवार को दक्षणा भाषण के दौरान समर्थक आमने-सामने आ गये तो पुलिस को लाठी चार्ज करके भीड़ को हटाना पड़ गया।