Lucknow: चुनाव मैदान में उतरी राजनीतिक पार्टियों ने अब खेल मैदानों पर भी हल्ला बोल दिया है। वोटर्स को रिझाने के लिए अब लोकल गेम्स टूर्नामेंट्स भी पार्टियों की नजर में हैं। चुनाव प्रचार गली मोहल्लों तक सीमित ना रह कर खेल मैदानों तक पहुंच गया है। लोकल लेवल पर होने वाली प्रतियोगिताओं में आकर्षक इनामी राशि का लालच दिया जा रहा है। खिलाडिय़ों को रिझाने के लिए खेल के दौरान उनकी हर व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है। इस मामले को लेकर इलेक्शन कमीशन से शिकायत भी की जा चुकी है।
खासतौर से क्रिकेट चुनाव प्रत्याशियों का टारगेट है। शहर में चल रही लोकल लेवल की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में यह प्रत्याशी पहुंच कर उन्हें लोक-लुभावने सपने दिखा रहे हैं। एक लोकल लेवल के क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले प्लेयर ने बताया कि इस टूर्नामेंट जैसी शानदार व्यवस्था किसी टूर्नामेंट में नहीं हुई। यहां पर हम लोगों को एक खास पार्टी को वोट करने के लिए समझाया गया है। इन लोगों को कहना है कि इससे भविष्य में आप लोगों को और भी अच्छी सुविधाएं मिलेंगी।
आचार संहिता के दायरे में
शहर में कांशी राम नगद धनराशि क्रिकेट प्रतियोगिता चल रही है। इस प्रतियोगिता की कुल इनामी राशि लगभग आठ लाख रुपए है। इसके आयोजक एक पॉलिटिकल पार्टी के करीबी नेता बताए जा रहे हैं। क्रिकेट की दुनिया से जुड़े लोगों ने बताया कि इस प्रतियोगिता में होने वाले मुकाबलों में खिलाडिय़ों को पार्टी की अच्छाइयों को बताया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में खेलने वाले लोग लोकल हैं और सभी को मतदान करने का अधिकार है। ऐसे में इस प्रतियोगिता का आचार संहिता के लागू करने के साथ ही बंद कर दिया जाना चाहिए था।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के खेल प्रकोष्ठ के चेयरमैन अरशी रजा ने कहा कि कांशी राम क्रिकेट प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों को खाने-पीने से लेकर नकद धनराशि का प्रलोभन दिया जा रहा है। इसके आयोजन से सरकार के आला अधिकारी भी जुड़े हुए हैं। यह आचार संहिता का उल्लंघन है। इस टूर्नामेंट को इलेक्शन के बाद आयोजित किया जाना चाहिए लेकिन वाहवाही लूटने के लिए तमाम अधिकारी इस आयोजन को कराने में जुटे हुए हैं।
खेल से राजनीति सही नहीं
पूर्व नेशनल एथलीट बरमेश्वर राम ने कहा कि राजनीत में खेल सुना है, पहली बार खेल में राजनीती सुनी। यह बिल्कुल गलत है। वोट देने का अधिकार आपका अपना होता है। ऐसे में खेल के आयोजन के नाम पर वोट का सौदा गलत है।
हॉकी प्लेयर प्रेम बताते हैं कि खेलों के माध्यम से वोटर्स को लुभाना खेल जगत का अपमान है। खिलाड़ी देश के लिए खेलता है। उसके लिए देश ही सबकुछ होता है। ऐसे में वोट के लिए खेल का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए। हैंडबाल प्लेयर रहे अमित वर्मा ने भी खेलों को आयोजन में राजनीति का विरोध किया।

इस तरह की प्रतियोगिताएं आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव के दौरान ऐसी प्रतियोगिताएं नहीं करवाई जा सकतीं। इनामी राशि का प्रलोभन देना सरासर गलत है। फिलहाल इस मामले में मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलते ही जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
-अनिल सागर, जिला निर्वाचन अधिकारी