लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
लालू यादव को बिहार के चारा घोटाले के सिलसिले में जेल जाना पड़ा है. ये मामला चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए निकालने का है. चाइबासा तब अविभाजित बिहार का हिस्सा था.
साल 1996 से सीबीआई ने इस मामले की जांच की.
ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा
ओमप्रकाश चौटाला को 10 साल की सज़ा मिली है.
दिल्ली की एक अदालत ने इसी साल जनवरी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे समेत 53 लोगों को तीन हज़ार अध्यापकों को ग़ैर क़ानूनी रूप से भर्ती करने का दोषी क़रार दिया. चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10-10 साल क़ैद की सज़ा सुनाई गई.
आरोप है कि 1999-2000 के दौरान हरियाणा में 3,032 लोगों को अध्यापक के तौर पर भर्ती किया गया था. आरोप था कि इनमें से हर एक से तीन से चार लाख रुपये की रिश्वत ली गई थी.
जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
जगन्नाथ मिश्रा बिहार के आख़िरी कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनके चुनाव में हारने के बाद कांग्रेस कभी बिहार में सत्ता में वापसी नहीं कर पाई.
जगन्नाथ मिश्रा को भी चारा घोटाले के सिलसिले में जेल जाना पड़ा है. वे भी चाइबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए निकालने के मामले में दोषी पाए गए हैं. उन्हें इस मामले में अभियुक्त तब बनाया गया था जब वे विधानसभा में विपक्ष के नेता थे.
रशीद मसूद, सांसद, कांग्रेस
कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को सीबीआई की विशेष अदालत ने एमबीबीएस सीट आवंटन मामले में चार साल जेल की सज़ा सुनाई है. मसूद साल 1990 और 1991 के बीच केंद्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री थे.
जगन्नाथ मिश्रा भी चारा घोटाले में दोषी पाए गए हैं.
केंद्रीय पूल से देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाख़िले के लिए त्रिपुरा को आवंटित एमबीबीएस सीटों पर धोखाधड़ी से अयोग्य उम्मीदवारों को नामित करने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया.
मसूद पहले समाजवादी पार्टी में थे लेकिन बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे.
माया कोडनानी, पूर्व मंत्री, गुजरात
नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी गुजरात दंगों में दोषी हैं. उन्हें एक विशेष अदालत ने 28 साल की सज़ा सुनाई है.
साल 2002 में नरोदा पाटिया में हुए दंगों में 97 मुसलमानों की मौत हो गई थी. 28 फ़रवरी 2002 को गोधरा कांड के बाद हुई इस घटना के लिए 32 लोगों को दोषी पाया गया था.
माया कोडनानी गुजरात दंगों के नरोदा पाटिया केस में सज़ा काट रही हैं.
आरोप है कि इस भीड़ का नेतृत्व कोडनानी ने किया था.
बंगारू लक्ष्मण, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
भारत के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण रिश्वत लेने के दोषी हैं. उन्हें पिछले साल अप्रैल में एक विशेष अदालत ने चार साल की सज़ा सुनाई थी.
बंगारू लक्ष्मण तहलका के स्टिंग ऑपरेशन में एक नक़ली हथियार सौदे के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के दोषी ठहराए गए थे.
तहलका का स्टिंग ऑपरेशन 2001 में हुआ था जिसमें उन्हें भाजपा मुख्यालय स्थित उनके कमरे में एक लाख रूपए रिश्वत लेते हुए दिखाया गया.
सुखराम, पूर्व संचार मंत्री
बंगारू लक्ष्मण एक नकली हथियार सौदे के लिए रिश्वत लेने के दोषी पाए गए.
र्व संचार मंत्री सुखराम को वर्ष 1996 में एक कंपनी को ठेका देने के बदले तीन लाख रूपए की घूस लने के आरोप में तीन साल की सज़ा मिली. हालांकि बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई और उनकी ज़मानत अवधि को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया था.
वे नरसिंह राव सरकार में संचार मंत्री रहे. उनके बेटे अनिल शर्मा अभी हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.
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