- पॉलिटिकल रंग में मनेगी होली तो दिखाना होगा खर्चा

- कैंडिडेट के साथ होली मनाने से लेकर सेटिंग के कारोबार पर इलेक्शन कमीशन की नजर

- हर एक्टिविटी के लिए की गयी है फूल प्रूफ तैयारी, होगी वीडियोग्राफी

-साबित हुआ जो असली कैंडिडेट के खाते में जुड़ेगा खर्च

PATNA : इस बार की होली में नेताजी किसी भी रंग में डूबे रहें, लेकिन उनका असली चेहरा इलेक्शन कमीशन की वीडियो में शूट होता रहेगा। यही नहीं उनके अगल-बगल भी ऐसे लोगों की तैनाती होगी जो नेताजी के होली मिलन के बहाने दरियादिली की रिपोर्ट तैयार करते रहेंगे। अगर नेताजी के बदले कोई उनका डमी कैंडिडेट भी उस एरिया में जाकर होली मिलन के नाम पर जमकर खर्च करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और उसका खर्च भी नेताजी की जेब से ही लगने वाला है। इलेक्शन कमीशन की इस बार होली के दिन तमाम नेताओं पर कड़ी नजर रहेगी। इन्हें शक है कि होली मिलन के बहाने कहीं प्रलोभन या फिर धन का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसी हरकत करने पर कार्रवाई की जाएगी।

नहीं बख्शे जाएंगे डमी कैंडिडेट

इलेक्शन ऑफिसर आर लक्ष्मणन ने बताया कि कैंडिडेट या पार्टी अपना डमी कैंडिडेट भेजता है या फिर उसकी गाडि़यों का यूज किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। इलेक्शन कमीशन का मानना है कि पार्टियां या कैंडिडेट डमी कैंडिडेट उतारते हैं। ये सब ऑरिजिनल कैंडिडेट के इशारे पर काम करते हैं। ऐसे डमी कैंडिडेट की एक्टिविटी की वीडियोग्राफी करवायी जाएगी।

बढि़या माहौल है होली के बहाने

कैंडिडेट्स भी इस होली को यादगार बनाने और अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए लोगों के बीच अधिक से अधिक अभियान चलाने वाले है। इसमें उन नेताओं को थोड़ी मुश्किल आ रही है जिनका अभी तक नाम फाइनल नहीं हुआ है। क्योंकि अगर जन संपर्क करते हैं और उनका पत्ता कट गया तो फिर बेवजह उनका पैसा पानी में चला जाएगा। पाटलिपुत्र और पटना साहिब से ऐसे कैंडिडेंट में जेडीयू के डॉ। रंजन यादव और पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा का नाम शामिल है। खैर बीजेपी के गलियारे से किसी दूसरे कैंडिडेट के नाम की भी चर्चा है।