- धार्मिक स्थल की दीवार को प्रचार का बना लिया जरिया

- यहां चिपका दिए गए हैं एसपी कैंडिडेट ने अपने पोस्टर्स

Agra अब धर्म को भी नेताओं ने अपने प्रचार का जरिया बना लिया है। इसे सत्ता की हनक कहिए या फिर जीतने को लेकर उतावलापन। समाजवादी पार्टी (एसपी) की ओर से लोकसभा चुनाव में उतारे गए कैंडिडेट महाराज सिंह धनगर ने आदर्श आचार संहिता तार-तार कर दी है। अगर ऐसा नहीं होता तो पार्टी कैंडिडेट धनगर की ओर से धार्मिक स्थल का यूज चुनाव प्रचार के लिए कतई नहीं किया जाता है।

कोई फिक्र नहीं नेताजी को

लोकसभा के लिए मतदान की घोषणा के साथ आगरा में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। संहिता लगने के बाद किसी भी पार्टी का कैंडिडेट मनमाने तरीके से चुनाव प्रचार नहीं कर सकता है। यहां तक कि अगर किसी गाड़ी पर स्टीकर या झंडा लगाना है तो इसकी भी जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से अनुमति लेना अनिवार्य है। हर मीटिंग-सम्मेलन और सभा भी बिना पहले इजाजत के नहीं की जा सकती है। लेकिन, एसपी कैंडिडेट महाराज सिंह धनगर को शायद आचार संहिता से कोई लेना-देना नहीं है। इसीलिए चुनाव प्रचार के दौरान कायदे-कानून की खूब अनदेखी की जा रही है।

धार्मिक स्थल पर भी कर डाला प्रचार

आदर्श आचार संहिता की बात करें तो किसी भी पार्टी के कैंडिडेट की ओर से किसी भी धार्मिक स्थल को चुनाव प्रचार के लिए किसी भी रूप में यूज नहीं किया जा सकता है। लेकिन, यूपी स्टेट की सत्ताधारी पार्टी यानि कि समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट ने धार्मिक स्थल को भी अपने स्वार्थ के लिए यूज कर लिया है। यह स्पॉट है मदिया कटरा से कैलाश पुरी की ओर जाने वाली रोड पर पेट्रोल पम्प के पास स्थित धार्मिक स्थल। इस धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार पर महाराज सिंह धनगर के प्रचार वाले बड़े-बड़े पोस्टर्स लगा दिए गए हैं।

खुला उल्लंघन है कानून का

एडवोकेट नदीम का कहना है कि भारत निर्वाचन आयोग के डायरेक्शंस के मुताबिक किसी भी राजनैतिक दल के कैंडिडेट को धार्मिक स्थल पर प्रचार की अनुमति नहीं है। ना ही इस बारे में किसी भी अधिकारी के लेवल से अनुमति दी जा सकती है। अगर कैंडिडेट ऐसा करता है तो यह साफ-साफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ऐसे कैंडिडेट के अंगेस्ट लीगल एक्शन हो सकता है।

'आदर्श आचार संहिता के अनुसार कोई भी कैंडिडेट किसी भी धार्मिक स्थल को प्रचार का जरिया नहीं बना सकता है। ऐसा हो रहा है तो इसे दिखवाया जाएगा.'

प्रेम प्रकाश पाल, प्रभारी आदर्श आचार संहिता और एडीएम सिटी

'धार्मिक स्थल एक पवित्र जगह है। इस तरह के पर्चे या पोस्टर चिपका कर राजनैतिक गतिविधि किया जाना गलत है। आचार संहिता भी इस तरह के प्रचार की इजाजत नहीं देती.'

इमरान कुरैशी, जिलाध्यक्ष भारतीय मुस्लिम विकास परिषद