-- मुलायम के अमर प्रेम के मायने

- सियासी गलियारों में सबसे बड़ा सवाल क्या पार्टी में शामिल होंगे अमर सिंह

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LUCKNOW: सियासत के पहलवान मुलायम सिंह ने अमर सिंह को बुलाकर कर ऐसा सियासी दांव चला कि अपनी पार्टी समेत कई सूरमा चित हो गये। आजम खां घर बैठ गये और पार्टी के दूसरे नेता अमर सिंह की गतिविधियों की मॉनीटरिंग करते नजर आये। कल तक सोनिया, राहुल और फिर अजीत सिंह के कसीदे पढ़ने वाले अमर सिंह अचानक मुलायम वादी हो गये।

सियासी गलियारों में चर्चा तो यह भी है कि अखिलेश सरकार के खिलाफ मीडिया के मुखर होते रुख और अखिलेश की लॉ एण्ड आर्डर पर ढीली होती पकड़ को मैनेज करने के लिए पार्टी को एक अच्छे मैनेजर की जरुरत महसूस हो रही थी। जिसके लिए पहले नौकरशाही में कभी मायावती के खासमखास रहे सीनियर आईएएस नवनीत सहगल को सूचना विभाग का मुखिया बनाया। चुनाव में हार के बाद देश भर में बदले समीकरण और पार्टियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए शायद अमर सिंह से बेहतर मैनेजर सपा सुप्रीमो की नजर में कोई नहीं था। मंच पर भले ही दोनों ने कोई गर्मजोशी ना दिखायी हो लेकिन एयरपोर्ट पहुंचे तो वीआईपी लाउंज में दोनों नेताओं के बीच लगभग आधे घंटे तक गुफ्तगू होती रही। फ्लाइट का उड़ने का टाइम हुआ तो दोनों फ्लाइट में आसपास की सीट पर बैठकर रवाना हो गये। अमर सिंह के लिए भी शायद वक्त का तकाजा यही था कि वह मुलायम के साथ आ जाएं। क्योंकि मुलायम से अलग होकर अमर सिंह ने भी हर रास्ते चुन कर देख लिये थे और उन्हें नाकामी ही मिली थी। अब यह देखना है कि मुलायम का यह दाव कितना कारगर साबित होता है। सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि क्या अमर सिंह फिर से पार्टी में शामिल होंगे।