- सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह ने साधा पीएम मोदी पर निशाना

- एक बार फिर सर्वसम्मति नौवीं बार बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

- प्रदेश सरकार को भी दी नसीहत

- जेडीयू के अध्यक्ष शरद यादव भी हुए अधिवेशन में शामिल, जमकर किए जुबानी हमले

LUCKNOW: डॉ। मुलायम सिंह यादव को एक बार फिर सपा का सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। बुधवार को सिटी के जनेश्वर मिश्र पार्क में शुरू हुए तीन दिन के अधिवेशन में पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव ने घोषणा की। अधिवेशन में जनता दल युनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।

अधिवेशन में मोदी और मीडिया पर वार

अधिवेशन में सपा नेताओं के निशाने पर प्राइम मिनिस्टर मोदी और मीडिया छाया रहा। मुलायम ने कहा कि जनता को बरगला कर दिल्ली की कुर्सी तो हासिल कर ली, लेकिन देश के सामने अभी कई समस्याएं हैं मुंह बाए खड़ी हैं। प्रधानमंत्री चीन से चापलूसी कर रहे हैं और वह कब्जा किये जा रहा है। नवाज शरीफ से बात करने की हिम्मत प्रधानमंत्री नहीं जुटा पा रहे हैं और बॉर्डर पर जानें जा रही हैं। मुलायम ने भाजपा की पुरानी सरकार पर भी वार किया। उन्होंने कहा कि मैंने अटल जी से मिलकर तिब्बत को चीन का हिस्सा स्वीकार करने से मना किया था, लेकिन वह नहीं मानें। चीन का हौसला लगातार बुलंद होता गया। उन्होंने कहा कि मुलायम की आलोचना करने के लिए भ्म् इंच का सीना चाहिए।

अपने ही मंत्रियों पर बरसे मुलायम

मुलायम सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ कर ही प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी है, लेकिन सरकार बनने पर कुछ लोगों ने व्यक्तिगत लाभ उठाये हैं। जनता के लिए काम नहीं किया है। जनता बहुत समझदार है। वह एक गलत निर्णय की वजह से इंदिरा गांधी को हरा चुकी है।

मुझे सबके बारे में पता है

कौन मिनिस्टर क्या कर रहा है मुझे सब पता है। मेरे पास सभी की रिपोर्ट है कि कौन जनता के लिए काम कर रहा है, कौन जनता से नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ख्8 से फ्0 मिनिस्टर चुनाव हारे हैं। जनता को कभी कमजोर ना मानना। अगर जनता नाराज होती है तो पहले मंत्रियों को हराती है और बाद में विधायकों को।

बिना नाम लिये कल्बे जव्वाद को भी लिया आड़े हाथों

मुलायम ने कहा कि लखनऊ ने हमें नौ में से सात सीट दीं। लखनऊ ने हम पर भरोसा किया उस भरोसे को तोड़ना नहीं है। यहां के लिए सरकार ने जो भी वादे किये थे वह पूरे कर रही है। लखनऊ में कभी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ। यह बात अलग है कि दो खानदान के लोग आपस में अक्सर झगड़ा कर लेते हैं। मैं उनको भी समझाता हूं। उन्होंने आजम खां और मौलाना कल्बे जव्वाद का भी जिक्र बंद लफ्जों में किया और कहा कि नाइंसाफी किसी के साथ नहीं होने दी जाएगी।

लखनऊ की शान के पढ़े कसीदे

मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी के लोग सर्वधर्म सद्भाव पर काम करें। वे हिंदू-मुसलमान का बराबर ख्याल रखें। यह प्रदेश हिंदू मुलसमान सद्भाव का स्थान रहा है। यहां के मुस्लिम नवाब ने दो हनुमान मंदिर बनवाया है। मुस्लिमों का सबसे ज्यादा भरोसा सपा पर ही है। उनके विश्वास को मत तोड़ देना। मैं सभी को सावधान करता हूं कि वे जनता को न भूलें और उनसे जुड़ कर काम करें।

शरद यादव हैं पुराने साथी

मुलायम ने शरद यादव के उनके निमंत्रण को स्वीकार करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमने एक साथ काम किया है। शरद यादव को बदायूं से चुनाव भी लड़वाया था। लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि दोनों अलग हो गए। उन्होंने कहा कि उन्हें आज शरद यादव के अधिवेशन में आने की खुशी है।

मोदी पर भी साधा निशाना

अधिवेशन में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए शरद यादव ने कहा कि हिंदी के ठेकेदार बनने वाले लोगों ने ही सी सैट में भारतीय भाषा को इग्नोर कर दिया। बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया जा रहा है जो सिर्फ अमीरों के लिए है। पहले जो रेल है उसको टाइम पर तो चलवा लीजिए और पटरियां सही करा लीजिए।

सास-बहू हैं कांग्रेस और बीजेपी

शरद यादव ने कांग्रेस और बीजेपी की तुलना सास बहू के रूप में की। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस जो काम कर रही थी बीजेपी उसी को आगे बढ़ा रही है। पहले रेल, डिफेंस और इंश्योरेंस में एफडीआई लागू कर दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कम बोलना चाहिए। यहां तो रात में सोते समय भी कुछ ना कुछ बड़ बड़ाते रहते होंगे। मीडिया पर वार करते हुए कहा कि ऐसा लगता था कि पूरे देश में सबसे अधिक क्राइम यूपी में है। बाकी कहीं कुछ नहीं हो रहा है। यहां कैमरे से नहीं दूरबीन से नजर रखी जा रही थी। लेकिन क्क् में से 8 सीट झटक कर आपने इनके भी मुंह बंद कर दिये। बदायूं की घटना को ऐसा प्रचारित किया गया कि यूएन से भी सरकार के विरोध में कमेंट करा दिये गये, लेकिन सच्चाई जब सामने आयी तो कोई कुछ नहीं बोला। उन्होंने अखिलेश यादव के कामों की तारीफ की।

शुरू हुई राजनैतिक और आर्थिक प्रस्ताव पर चर्चा

मुलायम सिंह को पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने के बाद दूसरे सेशन में राजनैतिक और आर्थिक प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। प्रस्ताव राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने पेश किया। इस प्रस्ताव में भी बीजेपी पर ही हमला बोला गया है जिसमें केंद्र सरकार का प्रदेश सरकार से भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है। राम गोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश के हिस्से की क्000 मेगावाट बिजली नहीं दे रही है। बिजली घरों को कोयला नहीं दिया जा रहा है जिससे प्रदेश में बिजली संकट बढ़ रहा है। वहीं चीन की घुस पैठ का भी जिक्र प्रस्ताव में किया गया है।

पार्टी विरोधियों को रामगोपाल ने बताया कि भस्मासुर

प्रस्ताव पेश करने के बाद राम गोपाल ने अपनी ही पार्टी के गद्दार नेताओं पर हमला बोला। कहा कि कई नेता कई मंत्री ऐसे हैं जो सरकार में रह कर सरकार विरोधी काम कर रहे हैं। लेकिन अब अधिक समय तक उनकी नहीं चलने वाली है। पार्टी से नेता हैं, नेता से पार्टी नहीं। उन्होंने कहा कि नेता जी ने उनसे कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट कार्ड बनवाया था जिसमें मैने 8भ् पार्टी विरोधी नेताओं को चिन्हित कर पार्टी से निकाले जाने के लिए कहा था। लेकिन नेता जी बड़े दयालु हैं उन्होंने उन लोगों को क्षमा कर दिया। लेकिन हर बार नेता जी नहीं बख्शेंगे।

हम लोग करते हैं गुटबाजी, कार्यकर्ताओं का करते हैं इस्तेमाल

नरेश अग्रवाल ने भी पार्टी विरोधी लोगों पर जमकर निशाना साधा। साथ ही मुख्यमंत्री को भी कठोर होने की हिदायत दे डाली। उन्होंने कहा कि यह लाल बत्तियां जो बांटी गयीं हैं वह पार्टी का नुकसान कर रही हैं। ऐसी लाल बत्तियां ओरिजनल वाले मंत्रियों को भी फेल कर दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश भी है कि दर्जा प्राप्त मंत्री लाल बत्ती नहीं लगायेगा। आप उसी का पालन करा दीजिए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होना चाहिए चाहे वह कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो। हमें अधिक से अधिक बिजली उपलब्ध कराने के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी।

एक टैंकर दूध और पांच कुंतल गुलाब जामुन

खाने के साथ गुलाब जामुन और बाद में पारस ब्रांड का दूध का इंतेजाम पार्टी डेलीगेट्स के लिए पार्टी की ओर से किया गया है। सिर्फ बुधवार के लिए ही पांच क्विंटल गुलाब जामुन और एक टैंकर दूध का इंतेजाम किया गया था। इसके लिए बकायदा काउंटर भी लगाया गया था। वहीं पण्डाल में पहुंचने से ठीक पहले खादी के कुर्ते पैजामे के साथ कुर्ते पैजामे के कपड़ों की दुकानें भी यहां लगी हुई थीं। साहित्य में लोहिया की किताबों की डिमांड अधिक थी।