- विधान सभा में सरकार ने पेश किया कर्ज का आंकड़ा

- 42 परसेंट स्कूली बच्चे कुपोषण से हैं ग्रसित

LUCKNOW: ट्यूजडे को विधानसभा में स्कूलों में कुपोषण के म़ुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। क्यूश्चंस आवर में बीजेपी के विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में कुपोषित बच्चे हैं। इस पर सरकार ने माना कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी और निजी प्राइमरी और उच्च प्राइमरी स्कूलों का सर्वे हुआ। इसमें ब्ख् फीसदी बच्चों में कुपोषण की बात सामने आई है। बीते साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच हुए सर्वे में कुल 7म् लाख बच्चों का हेल्थ चेकअप कराया गया था। इसमें से ब्ख् फीसदी बच्चों में जरूरी पोषक तत्वों की कमी पाई गई। इन बच्चों को दवा भी दी गयी है।

सरकार पर है पौने तीन लाख करोड़ का कर्ज

उधर, एक दूसरे सवाल के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया कि सरकार ने विकास कायरें के लिए करीब ख् लाख म्म् हजार करोड़ रुपये कर्ज ले रखा है। सरकार को कर्ज पर इस साल क्8म्फ्म्.80 करोड़ रुपये ब्याज अदा करना होगा। बीजेपी के सुरेश कुमार खन्ना के सवाल का जवाब मंत्री राम मूर्ति वर्मा दे रहे थे। उन्होंने बताया कि फ्क् मार्च तक केंद्र और अन्य वित्तीय संस्थाओं का राज्य पर ख् लाख म्भ् हजार 770 करोड़ 78 लाख रुपये का कर्ज अनुमानित है। इस पर चालू वित्त वर्ष के दौरान क्8 हजार म्फ्म् करोड़ रुपये का ब्याज अदा करने की व्यवस्था की गई है जबकि पिछले वर्ष क्7 हजार 7भ्ब् करोड़ रुपये ब्याज अदा किया गया था।