- बोले, 14 को स्वराज संवाद कार्यक्रम में तय होगा 'आप' का भविष्य

- देश भर में कार्यकर्ताओं को स्वराज संवाद के जोड़ रहे योगेन्द्र

-लखनऊ में कार्यकर्ताओं से की बात, दिए सवालों के जवाब

LUCKNOW: आम आदमी पार्टी (आपप) के दो टुकड़े होने अब लगभग तय हो गया है। इसी के चलते आप के नेता योगेंद्र यादव ने कार्यकताओं को अपने पाले में करने की कवायद शुरू कर दी है। जिसकी शुरुआत उन्होंने यूपी से की है।

क्ब् को हो सकता है ऐलान

नयी पार्टी की रूपरेखा गुड़गांव में क्ब् अप्रैल को होने वाले स्वराज संवाद कार्यक्रम में तय होने की पूरी संभावना है। देश भर के कार्यकर्ताओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए योगेन्द्र यादव व अन्य नेता जिला स्तर पर स्वराज संवाद कार्यक्रम करके उन्हें कार्यक्रम में आने का आमंत्रण दे रहे हैं।

राजधानी में की कार्यकताओं के साथ बैठक

थर्सडे को योगेन्द्र यादव पार्टी ने राजधानी के दारूलशफा में जिला स्तरीय कार्यकर्ताओं से बात की और उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। इससे पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि क्ब् अप्रैल को गुड़गांव में स्वराज संवाद की तैयारी के लिए वह लखनऊ आए हैं।

कार्यकर्ता तय करेंगे आगे की दिशा

योगेन्द्र ने कहा कि स्वराज संवाद कार्यक्रम में आगे की दिशा तय की जाएगी। यह किसी एक व्यक्ति के चाहने पर नहीं बल्कि देश भर के कार्यकर्ताओं के निर्णय के आधार पर होगा। इसके लिए कल मुम्बई में था आज लखनऊ और कल चंडीगढ़ जाऊंगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में इस संवाद के लिए अप्रत्याशित उत्साह देखने को मिल रहा है।

यूपी से म्म्क् रजिस्ट्रेशन

संवाद कार्यक्रम के ब्8 लोगों ने मिलकर खुला आमंत्रण भेजा है। जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी किए जा रहे हैं और अब तक फ्79क् लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमें लगभग म्म्क् यूपी से हैं। जिसमें मेधा पाटकर, शांति भूषण, अरूणा राय, उदय कुमार सहित 70 लोक सभा उम्मीदवारों ने भी आने की सहमति दे दी है। यह कार्यकर्ताओं से सवाल है कि आगे की दिशा क्या होगी और उसी आधार पर आगे की दिशा तय करेंगे। हमें ध्यान रखना है कि कुछ साल पहले जिस मिशन को लेकर चले थे उसे कैसे जीवित रखा जाए।

'जहां से चले थे वहीं पर खड़े हैं'

उन्होंने कहा कि फ्-ब् साल पहले हम जिस यात्रा पर चले थे अब फिर चौराहे पर खड़े हैं। हम राजनीति के चाल चरित्र को बदलने आए थे। लोग देश में एक नए विकल्प के लिए तैयार थे। लेकिन बाद में यह भी देखा कि परम्परागत राजनीति नए विकल्प में भी आ जाती है और लोगों पर सत्ता हावी हो जाती है। जिस पर सवाल उठाने पर ही कुछ लोगों को पार्टी से निकाला गया और बैठक में मारपीट की घटना हुई।

सवाल तो उठेगा ही

योगेन्द्र ने बताया कि परम्परागत पार्टियों से अलग पार्टी है तो यहां पर सवाल उठेगा ही। योगेन्द्र ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि राजनीति में किसी व्यक्ति की गारंटी नहीं है। इसलिए यह पार्टी अलग थी। ऐसी व्यवस्था हो कि पार्टी व्यक्ति वादी न हो। उदाहरण देते हुए बताया कि घोड़े का चरित्र नकेल में रहता है। अब पार्टी में भी नकेल बनाने वालों को बेहतर बनानी होगी। ताकि मूलभावना के साथ खिलवाड़ न हो।