Students के बीच confusion

सबसे ज्यादा कंफ्यूजन ऑफिस बियरर पदों के लिए है। प्रेसीडेंट, वाइस प्रेसीडेंट, जनरल सेक्रेट्री और पुस्तकालय मंत्री पदों के लिए कई स्टूडेंट्स लीडर्स दावेदारी ठोंक रहे हैं। यही नहीं एक ही पार्टी के कई स्टूडेंट्स लीडर्स एक ही पद के लिए स्टूडेंट्स के बीच कंपेनिंग कर रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स के बीच कंफ्यूजन क्रिएट हो गया है। हालांकि, अभी तक किसी संगठन ने अपने कैंडीडेट्स डिक्लेयर नहीं किए हैं लेकिन स्टूडेंट्स में उलझन बढऩे लगी है।

दावा नहीं दल बदल की संभावना

जो सीन क्रिएट हो चुका है उससे दल-बदल के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। संगठन नॉमिनेशन के समय अपने कैंडीडेट्स के पत्ते खोलता है। एक ही पद के लिए कई दावेदारों को देखते हुए कैंडीडेट्स दूसरे विकल्पों पर भी नजर गड़ाए हुए हैं। दूसरे संगठन में भी वे टिकट के लिए जोर आजमाइश में लगे हुए हैं। अगर यहां भी बात नहीं बनी तो वे इंडीपेंडेंट भी लड़ सकते हैं।

President के पद पर मची होड़

सबसे ज्यादा मारामारी प्रेसीडेंट पद के लिए मची हुई है। वह भी संगठन के अंदर। हर कोई संगठन के सामने अपने आप को विभिन्न पदों का मजबूत दावेदार बता रहा है। संगठन के लोग भी इसको लेकर कंफ्यूजन में हैं। प्रेसीडेंट पद के लिए सछास से हृदेश यादव, विनोद जोशी, अरुण यादव और दिनेश गंगवार अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। वहीं, एबीवीपी से भी इस पद के लिए तीन कैंडीडेट्स सुमित गुर्जर, अवनीश प्रताप सिंह गोपी और अंशुमान पटेल अपना दावा जता रहे हैं। अम्बेडकर छात्र मोर्चा की तरफ से अवनीश चौब और प्रीति सिंह भी प्रेसीडेंट पद के लिए कंपेनिंग कर रहे हैं।

'संगठन की तरफ से बीसीबी में मेरी कंपेनिंग काफी समय से स्टार्ट हो चुकी है। गल्र्स के बीच कंपेनिंग जोरों पर है। ऐसे में दिन ब दिन मेरी दावेदारी मजबूत होती जा रही है.'

-प्रीति सिंह, दावेदार, प्रेसीडेंट, अम्बेडकर छात्र मोर्चा

'लास्ट ईयर संगठन के टिकट पर जनरल सेक्रेट्री बना। इस बार प्रेसीडेंट पद के लिए संगठन के लिए मैं प्रबल दावेदार भी हूं। हर हाल में पर्चा दाखिल करूंगा.'

- हृदेश यादव, दावेदार, प्रेसीडेंट, सछास