मतदाताओं ने चौदहवीं विधान सभा के गठन के लिए दो सौ में से 199 सीटों के लिए वोट डाले. चुनाव आयोग के अनुसार पूरे राज्य में करीब 74.38 फीसदी मतदान हुआ है.

आयोग के मुताबिक छिटपुट घटनाओं को मतदान छोडकर शान्तिपूर्ण रहा.

इसे अब तक का सबसे ज्यादा मतदान माना जा रहा है, क्योंकि इसके पहले राजस्थान के चुनावी इतिहास में मतदान का प्रतिशत 64 या 65 फीसदी तक ही सीमित रहा था.

चुनाव में राजस्थान में यूँ तो कोई दो हज़ार से ज़्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं मगर इनमें कुछ सीटें और चेहरे ऐसे हैं जिन पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं.

भाजपा बनाम कांग्रेस

इनमें कांग्रेस नेता और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत तथा भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सरकार में मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हैं.

इस चुनावी जंग में जहां पूर्व राजघरानों के कई सदस्यों ने क़िस्मत आज़माई है, वहीं प्रेक्षकों की नज़रें निर्दलीय सांसद किरोड़ी लाल मीना और उनकी पत्नी गोलमा देवी के चुनाव क्षेत्रो पर भी लगी हैं.

मीना ने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा की पार्टी का झंडा लेकर कोई 100 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े किए हैं.

लेकिन मुख्य मुकाबला गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच ही है.

इस मतदान के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे समेत 2087 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो गया.

राजस्थान की एक मात्र बची चूरू विधानसभा सीट के लिए मतदान 13 दिसम्बर को होगा.

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