- बूथ पर ही पार्टियों को रुकने के निर्देश

- भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

LUCKNOW: राजधानी में नगर निगम और नगर पंचायतों के चुनाव के लिए शनिवार को पोलिंग पार्टियों को रवाना कर दिया गया। रविवार सुबह 7.30 बजे से शाम पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे। रमाबाई रैली स्थल से पोलिंग पार्टियों को देर शाम तक रवाना किया जाता रहा। इस मौके पर डीएम कौशल राज शर्मा खुद मौके पर मौजूद रहे। डीएम ने पोलिंग पार्टियों को रात में बूथ पर ही रुकने के सख्त निर्देश दिए हैं।

सुबह से ही लगी कर्मचारियों की भीड़

बीबीएयू के रमाबाई रैली स्थल पर स्ट्रांग रूम बनाया गया था। वहीं पर बाहर रोड पर पोलिंग पार्टियों के लिए जोन वाइज काउंटर बनाए गए। मतदान कर्मी सुबह से ही अटेंडेंस लगाने और ईवीएम व बस्ते लेने के लिए पहुंचने लगे। हालांकि पार्टियों को दोपहर लगभग ढाई बजे के बाद ही रवाना करने का क्रम शुरू हो सका।

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और चपरासी बने पीठासीन अधिकारी

निकाय चुनाव में इस बार लखनऊ में ही 50 से अधिक चपरासियों को पीठासीन अधिकारी बना दिया गया। शनिवार को बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने इसकी शिकायत की। कई जगह पर पूरी पोलिंग पार्टी में सिर्फ चपरासी ही थे। डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस बार सॉफ्टवेयर से ड्यूटी लगी और ये पे स्केल के आधार पर लगाई गई हैं जिसके कारण कुछ दिक्कतें सामने आई थीं। जिन्हें बाद में ठीक कर लिया गया।

ड्यूटी कटवाने को रहे परेशान

शनिवार को पोलिंग पार्टियों को रवाना करने से पहले बहुत बड़ी संख्या में कर्मचारी बीमारी की शिकायत करते नजर आए। पीडब्ल्यूडी में क्लर्क संजीव पांडेय ने शिकायत की कि उनके पैर में तीन फ्रैक्चर हैं और तबियत खराब होने के कारण बोलने में भी दिक्कत है।

रोड पर जाम की स्थिति

रमाबाई रैली स्थल के बाहर जहां पर पोलिंग पार्टियों की अटेंडेंस लगाई जा रही थी वहां जगह की कमी के कारण कई घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा। कई कर्मचारी भीड़ और गर्मी के कारण बेहाल नजर आए। कई घंटे तक कर्मचारी जाम में फंसे रहे।

मौके पर ही दिए गए बस्ते

यह पहली बार था कि शनिवार को ही कर्मचारियों की अटेंडेंस लगाई गई, उन्हें बस्ते दिए और फिर उन्हें ईवीएम भी दी गई। जबकि इससे पहले विधान सभा, लोक सभा इलेक्शन में बस्ते पहले दे दिए जाते थे जिसके कारण बार बार लाइन में लगने का झंझट ही नहीं रहता था। कई कर्मचारियों ने बस्ते में पूरा सामान न होने की शिकायतें दर्ज कराई।

सफाई कर्मी करेंगे वीडियोग्राफी

निर्वाचन के दौरान गांवों से बुलाए गए सफाई कर्मियों को वीडियोग्राफी के लिए नियुक्त किया गया। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसी हैं जिन्होंने कभी स्मार्ट फोन तक नहीं चलाया और उन्हें सीधे वीडियो कैमरा पकड़ा दिया गया। अधिकारी भी इस मामले में बोलने से बचते दिखे। उधर सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट के ड्राइवरों ने पारिश्रमिक न मिलने पर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद डीएम ने एडीएम एफआर को मौके पर भेजा और उन्हें आश्वासन देकर शांत कराया गया।

लगाए गए 14 हजार कर्मचारी

चुनाव कराने के लिए जिला प्रशासन ने 14 हजार से अधिक कर्मचारी व अधिकारी को लगाया है। इनमें से 20 परसेंट कर्मचारी रिजर्व में रहेंगे। यदि कोई कर्मचारी गायब होता है, किसी कारण वश हटाना पड़ता है तो ये रिजर्व कर्मचारी उनकी जगह पर भेजे जाएंगे। रिजर्व कर्मचारियों को रैली स्थल पर ही रोका गया है।