-पेट्रोल और डीजल चलित वाहनों से 30 फीसदी फैल रहा है प्रदूषण

-बनारस में भी सीएनजी युक्त वाहन चलने से डीजल वाहनों की तुलना में 25 फीसदी ही रह जाएगा पॉल्यूशन

विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार बनारस में बढ़ते प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह सड़कों पर बेतहाशा दौड़ते वाहन बताए जा रहे हैं। डीजल और कंडम वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण यहां एयर पॉल्यूशन में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 30 प्रतिशत का योगदान वाहनों से निकलने वाले जहरीले प्रदूषक तत्वों का है। जिस तरह से दिल्ली में एयर क्वालिटी को कंट्रोल करने के लिए सीएनजी चालित वाहनों के प्रयोग को अनिवार्य किया गया है। उसी तरह अगर बनारस में भी सीएनजी वाहन चले तो 75 फीसदी प्रदूषण कम हो जाएगा। लेकिन लोग किफायती डीजल वाहनों के चक्कर में खुद ही पॉल्यूशन का लेवल बढ़ाकर आम पब्लिक को बीमार कर रहे हैं।

डीजल वाहनों से ज्यादा प्रदूषण

एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि बनारस में सीएनजी वाहनों की बेहद जरूरत है। लंबे समय से यहां सीएनजी वाहनों को प्रचलन में लाए जाने के लिए महकमे में कवायद चल रही है। लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है। सबसे ज्यादा पॉल्यूशन डीजल गाडि़यां फैलाती हैं। इनसे पैदा होने वाली गैसें और सिगरेट का धुआं एक ही दर्जे के होते हैं। डीजल पर कम टैक्स लगने की वजह से बनारस समेत पूरे प्रदेश में लोग डीजल गाडि़यां ज्यादा खरीदते हैं। लेकिन लोग ये भूल रहे हैं कि उनके इस बचत से आम लोगों की जिंदगी दांव पर लग रही है।

सीएनजी के लिए बने पॉलिसी

दिल्ली में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को सीएनजी में कनवर्ट करने से वहां प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है। मुख्य अभियानकर्ता एकता शेखर का कहना है कि बनारस में भी सभी के लिए पेट्रोल के बजाय सीएनजी से वाहन चलाने के लिए अनिवार्य पॉलिसी बनानी होगी। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि सीएनजी से पॉल्यूशन नहीं फैलता है, मगर डीजल, पेट्रोल गाडि़यों की तुलना में सीएनजी से सिर्फ 25 फीसदी ही प्रदूषण फैलता है। सीएनजी से हवा में घुलने वाले प्रदूषक तत्वों में कमी आएगी।

दौड़ेंगी सीएनजी गाडि़यां

अधिकारियों की मानें तो शहर की सड़कों पर अगले कुछ महीने में सीएनजी गाडि़यां दौड़ने लगेंगी। यहां डीजल चालित ऑटो व सिटी बसों को हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें व सीएनजी ऑटो चलाने की प्लानिंग की गई है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शुरुआत में दो सीएनजी स्टेशन बनाए जा रहे हैं। डीएलडब्ल्यू में बने स्टेशन पर तीन दिन पूर्व ट्रायल भी हो चुका है।

जल्द चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें भी

रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि हम सीएनजी से भी अपडेट बसें लाने जा रहे हैं। जो 100 प्रतिशत पॉल्यूशन लेस हैं। बैटरी चालित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। बनारस को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए बहुत जल्द यहां इलेक्ट्रिक बसे दौड़ने लगेंगी। मौजूदा समय में वाराणसी रोडवेज विभाग के पास 100 से ज्यादा सिटी बसें हैं। इनमें अधिकतर खस्ताहाल हैं।

वर्जन--

सिटी को पॉल्यूशन लेस करने की दिशा में रोडवेज अन्य विभागों से एक कदम आगे काम कर रहा है। विभाग सीएनजी से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसे लाने के पक्ष में है जो पॉल्यूशन फैलाती ही ही नहीं है।

केके शर्मा, आरएम, कैंट रोडवेज बस स्टेशन

सिटी में कुल प्रदूषण में करीब 30 फीसदी हिस्सा डीजल, पेट्रोल के चलते है। अगर सीएनजी युक्त गाडि़यों का संचालन शुरू हो जाए तो इससे 75 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा।

एकता शेखर, अभियानकर्ता-क्लाइमेट एजेंडा

एक नजर

30

प्रतिशत के करीब वाहन फैला रहे एयर पॉल्यूशन

75

फीसदी सीएनजी युक्त वाहन कम कर सकते हैं पॉल्यूशन

25

प्रतिशत सीएनजी युक्त वाहन पॉल्यूशन फैलाते हैं डीजल गाडि़यों की तुलना में

100

सिटी बसें चल रही हैं डीजल से