- नए भवन से पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्य करने में होगी सुविधा

DEHRADUN: सीएम ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय भवन 'गौरादेवी पर्यावरण भवन' का लोकार्पण किया। आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड में तैयार उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय भवन गौरादेवी पर्यावरण भवन का लोकार्पण करते हुए सीएम ने कहा कि इस भवन के बनने से पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्य करने में सुविधा होगी।

पर्यावरण संरक्षण में करें योगदान

सीएम ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना सभी की जिम्मेदारी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी विभागों को सुनियोजित कार्ययोजना के साथ कार्य करना जरूरी है। उत्तराखंड को प्रकृति ने अनेक अमूल्य धरोहर दिए हैं। हिमालय और पर्याप्त वन क्षेत्र उत्तराखंड के पास है। राज्य में करीब 71 प्रतिशत वन भूमि है, जबकि करीब 48 प्रतिशत भूमि वनाच्छादित है। सीएम ने कहा कि रेणी गांव में गौरा देवी ने जो आन्दोलन किया, वह आंदोलन विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए चेतना का प्रमुख केन्द्र बना। आने वाली पीढि़यों को शुद्ध हवा व पानी मिले, इसके लिए पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में सबको योगदान देने की जरूरत है। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ। हरक सिंह रावत ने कहा कि मानव जीवन को बचाए रखने के लिए हिमालय, जल व जंगल को बचाये रखने के लिए अभिनव प्रयास करने होंगे। गौरा देवी के नाम पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय भवन का नाम रखा गया है। विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि कार्यदायी संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सुंदर भवन बनाया गया है।

गौरा देवी के वंशज भी पहुंचे

चिपको आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गौरा देवी की वंशज बाली देवी ने कहा कि जल, जंगल व खेत को बचाने के लिए गौरा देवी ने आन्दोलन किया। कहा, जब तक हम जल, जमीन व वृक्षों की रक्षा करेंगे तभी तक सुखी जीवन की कल्पना कर सकते हैं। लड़कियों की शादी व अन्य उत्सवों में लोगों को गांवों में पेड़ लगाने की परम्परा को बनाए रखना जरूरी है।