- सात दिन का समय बीतने के बाद भी मेडिकल वेस्ट और ईटीपी पर नहीं दिया जवाब

-पीसीबी अफसरों ने चुपचाप बढ़ा दिया जवाब देने का समय

<- सात दिन का समय बीतने के बाद भी मेडिकल वेस्ट और ईटीपी पर नहीं दिया जवाब

-पीसीबी अफसरों ने चुपचाप बढ़ा दिया जवाब देने का समय

BAREILLY

BAREILLY :

रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज के सामने नकटिया नदी किनारे बायो मेडिकल वेस्ट में ख्7 दिसम्बर को मिली मानव की खोपड़ी के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी कार्रवाई के बजाय कॉलेज प्रबंधन को बचाने में जुटा हुआ है। मेडिकल वेस्ट में मानव की खोपड़ी की न्यूज दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पब्लिश होने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक बिपिन कांडपाल और नगर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। अशोक कुमार ने मौके का निरीक्षण ख्8 दिसम्बर को किया। जिसमें उन्हें मौके पर खामियों का अंबार मिला। जिस पर उन्होंने ख्9 दिसम्बर को अपनी रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एके चौधरी को सौंपी थी। जिसके बाद फ्0 दिसम्बर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने डॉ। केशव कुमार को एक नोटिस रिसीव कराया और सात दिन में जबाव देने का समय दिया। फ्0 दिसम्बर को नोटिस रिसीव होने के बाद म् जनवरी तक सात दिन का समय पूरा हो गया। इसके बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ। केशव से जबाव नहीं ले पा रहा है।

नोटिस में न तारीख्ा न पत्रांक

रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज के बायो मेडिकल वेस्ट को नकटिया नदी के किनारे बिखरा और कॉलेज में ईटीपी प्लांट नहीं होने के साथ अन्य खामियां पाई गई। जिसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षत्रीय अधिकारी ने डॉ। केशव कुमार को नोटिस तो जारी कर रिसीव करा दिया। क्षेत्रीय अधिकारी ने फ्0 दिसम्बर को मेडिकल कॉलेज को रिसीव कराए नोटिस में न तो पत्रांक संख्या लिखी और न डेट डाली थी। इससे कहीं न कहीं अफसर भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के पक्ष में बचाव करते नजर आ रहे हैं।

जांच में मिली थ्ाी खामियां

-लोहे के डस्टबिन में काले रंग के प्लास्टिक बैग रखे पाए गए। जिससे चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारण ठीक से नहीं होने पर दोषी पाया गया। जोकि जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम ख्0क्म् का उल्लंघन है।

-जैव चिकित्सा अपशिष्ट को नगरीय ठोस अपशिष्ट के साथ मिलाकर रखा पाया गया।

-मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से जनित तरल जैव चिकित्सा अपशिष्ट का उपचार हेतु उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयत्र (ईटीपी) अभी तक नहीं लगाया गया।

-हॉस्पिटल से जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम क्97ब् एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम का अनुपालन नहीं किया जा रहा था।