-रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर यूपी ने कानपुर में पॉल्यूशन की एक्चुअल सिचुएशन जानने को शुरू की 'निगरानी'

-पराली और कूड़ा जलाने पर नजर रख रहा है अमेरिकन मोडिस सैटेलाइट, लगे हैं 2 सेंसर, एसएमएस से मिलेगी जानकारी

द्मड्डठ्ठश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

यन्हृक्कक्त्र: पूरे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में कानपुर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है। इसको देखते हुए अब राज्य सरकार ने सैटेलाइट से निगरानी करके इसके बड़े कारणों को जानने का फैसला लिया है। अमेरिकन सैटेलाइट 'मोडिस' के जरिए कानपुर के पॉल्यूशन की 'निगरानी' की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी रिमोट सेंसिंग अप्लीकेशन सेंटर यूपी (आरएसएसीयूपी) को दी गई है। आरएसएसीयूपी के डायरेक्टर डॉ। एएल हलधर ने बताया कि ऑटोमेटेड बर्निग मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो सैटेलाइट से कनेक्ट है। यह 24 घंटे में 3 से 4 बार आग वाली जगहों का डाटा लेता है। जानकारी मिलने पर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए एक्शन लिया जाएगा।

इस तरह करता है कार्य

आरएसएसीयूपी के डायरेक्टर डॉ। एएल हलधर ने बताया कि एक एप भी डिजाइन किया गया है, जिसके माध्यम से आसानी से इसकी निगरानी की जा सकती है। इस एप को डेवलप करने वाले साइंटिस्ट डा। पीएस जादौन के मुताबिक सेंटर मॉडरेट रिजॉल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियो मीटर (मोडिस) सैटेलाइट का प्रयोग किया जा रहा है। यह एक अमेरिकन सैटेलाइट है। इसमें 2 सेंसर लगे हुए हैं टेरा व एक्वा। एक्वा रात में धुएं को डिटेक्ट करता है और टेरा दिन में आग वाली जगहों को डिटेक्ट कर डाटा सेंटर को भेजता है। आग वाली जगहों का अक्षांतर-देशांतर सहित डाटा उपलब्ध करवाती है। इससे आग वाली जगह की पहचान आसानी से हो जाती है। इसके बाद गूगल के जरिए इसकी लोकेशन मिल जाती है।

---------