-सरकारी आदेश को सराह रही है जनता, लेकिन पेशोपेश में व्यापारी

-पुराना माल खपाने की बेताबी, पकड़े गए तो होगा जुर्माना

ALLAHABAD: पॉलीथिन पर बैन के बाद अब लोगों ने झोला उठाना शुरू कर दिया है। हालांकि व्यापारियों के स्तर पर अभी भी पॉलीथिन से मोह बना हुआ है। वजह, जिन व्यापारियों के पास पालिथिन का पुराना स्टाक डंप है वह इसे खपाने की कोशिश में हैं। हालांकि उन्हे पकड़े जाने का डर भी सता रहा है। वहीं पब्लिक भले ही इस अभियान को सराह रही है लेकिन, पेपर बैग के एक्स्ट्रा पैसे देने को तैयार नहीं है।

अभी भी डंप है लाखों की पॉलीथिन

बाजार में अभी भी लाखों रुपए की पॉलीथिन डंप है। इसे खपाना बड़ा सवाल बन गया है। कई व्यापारी इसे खपाने के जुगाड़ में हैं लेकिन पकड़े गए तो जुर्माना भरना होगा। कुल मिलाकर व्यापारी इस अभियान को लेकर पेशोपेश में पड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जो भी स्टॉक बचा है वह खत्म हो जाए तो वह पॉलीथिन से दूरी बना लेंगे।

बैग के पैसे कौन देगा

व्यापारियों का कहना है कि पब्लिक मॉल में तो बैग के पैसे दे देती है। लेकिन मार्केट में पेपर बैग के पैसे देने को तैयार नहीं होती। एक बैग में पांच से दस रुपए की लागत आती है और इसे दुकानदारों को अपने मुनाफे में एडजस्ट करना पड़ रहा है। इस बीच सड़क पर लोग झोला लेकर सामान खरीदने के लिए निकलते नजर आने लगे हैं।

व्यापारी चाहते हैं कि उनका पैसा बर्बाद न हो। जबकि प्रशासन कह रहा स्टॉक सरेंडर कर दिया जाए। इसी मामले को लेकर विरोधाभास बना हुआ है।

-रितेश कुमार, व्यापारी

एक बैग की कीमत पांच से दस रुपए है। पब्लिक से मांगो तो लड़ने लगते हैं। फिर भी दुकानदार इस कीमत को भी अपने मुनाफे में एडजस्ट कर चल रहा है।

-विष्णु अग्रवाल, व्यापारी

बहुत अच्छा डिसीजन है। समाज को साफ-सुथरा रखने में पब्लिक को सहयोग करना चाहिए। सभी आगे आएंगे तो पॉलीथिन पर पूरी तरह रोक लग जाएगी।

-अर्पिता सिंह

पॉलीथिन का चलन बंद हो जाएगा तो प्रदूषण की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। ड्रेनेज सिस्टम सुधर जाएगा। पेपर बैग शुरू हुआ तो लोगों को फिर से रोजगार मिल सकता है।

-दीपा मिड्ढा

सरकार अगर सख्ती दिखा रही है तो इसमे सोसायटी का भला है। व्यापारियों को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए। थोड़ा कष्ट होगा लेकिन बाद में इसका फायदा भी होगा।

-पूजा सिंह

जानवर पॉलीथिन खाकर मर जाते हैं। इंसानों के लिए पॉलीथिन किसी जहर से कम नही है। जब इससे नुकसान ही नुकसान है तो तत्काल बंद करा देना चाहिए।

-ज्योति राणा