बाजार में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही पॉलीथिन

Meerut। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बड़ी जंग छेड़ने की तैयारी में है तो वहीं ये जंग है विभागों की लापरवाही से दम तोड़ती नजर आ रही है। 2 अक्टूबर के बाद हर तरह की पॉलीथिन वैन के सीएम के आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि बाजार में धड़ल्ले से पॉलीथिन की बिक्री हो रही है। इतना ही नहीं दूसरा बड़ा पहलू यह भी है कि पॉलीथीन के खिलाफ जंग में उत्तर प्रदेश की पूर्व की सरकारें हारती ही रही हैं, अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या योगी सरकार इस जंग को निर्णायक स्तर तक पहुंचा पाएगी?

मेरठ में 63 फैक्ट्रियां

दरअसल उत्तर प्रदेश के 6 प्रमुख शहरों में प्लास्टिक से बने उत्पादों का धड़ल्ले से प्रोडक्शन होता है। इनमें मेरठ के अलावा लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, आगरा और सहारनपुर शामिल हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो अकेले मेरठ में करीब 50 टन से अधिक पॉलीथीन या कैरी बैग की डेली खपत है। मेरठ में करीब 63 बड़ी फैक्ट्रियां हैं जबकि प्रदेश में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 2000 से अधिक फैक्ट्रियों में इनका निर्माण हो रहा है। इन शहरों से पूरे प्रदेश में पॉलीथीन की सप्लाई की जा रही है।