कैबिनेट का फैसला

पॉलिथीन के निर्माण और बिक्री पर पूरी तरह रहेगा प्रतिबंध

राज्य सरकार विकल्पों पर कर रही विचार, दे सकते हैं बैग

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रख लिया गया फैसला

LUCKNOW: यूपी में पॉलिथीन (प्लास्टिक कैरी बैगग) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया। हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनलल (एनजीटी) के सख्त रुख को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कोर्ट के आदेश और पर्यावरण सुधार को देखते हुए यह अहम कदम उठाया गया है।

सरकार बांट सकती है बैग

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पॉलिथीन के अन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार कर रही है ताकि आम नागरिकों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि कागज या कपड़े का बैग इसके विकल्प हो सकते हैं। राज्य सरकार इसे बांटने पर विचार करेगी। प्रदेश सरकार ने इससे पहले ही कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया।

तो 5 लाख जुर्माना

पॉलिथीन पर बैन को लेकर जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी, जिसके एक माह बाद प्रदेश में पॉलिथीन बैग का निर्माण, वितरण व विक्रय नहीं हो सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना या छह माह की सजा हो सकती है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 एक्ट के अनुसार सजा का प्रावधान है।

किताबों, शादी कार्ड पर भी पॉलिथीन कवर नहीं

प्रतिबंध के दायरे में पुस्तक, पत्रिका, निमंत्रण पत्र, स्वागत पत्र आदि को बांधने और ढकने के लिए पॉलिथीन कवर, शीट, फिल्म अथवा ट्यूब का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। प्रतिबंध के तहत ऐसी प्लास्टिक थैलियां शामिल नहीं है जो पैकेजिंग का भाग या अभिन्न हिस्सा बनती है। यही नहीं जैव चिकित्सीय कूड़ा के प्रबंधन पर भी यह नियम लागू नहीं होगा। वहीं कोई भी दुकानदार, थोक या खुदरा विक्त्रेता, फेरी या रेहड़ी वाला किसी भी प्रकार की वस्तु को बेचने के लिए प्लास्टिक थैलियों का विक्त्रय या भंडारण या प्रयोग नहीं कर कसेगा। नियमों के क्रियान्वयन व पालन कराने की जिम्मेदारी उ.प्र। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य सचिव की होगी।

2009 में लगा था प्रतिबंध

राज्य सरकार ने 2009 में अधिसूचना जारी कर प्रदेश में सिर्फ 20 माइक्रॉन से अधिक मोटाई और 20 गुणे 30 सेंटीमीटर से अधिक आकार की पॉलीथीन के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल की इजाजत दी थी। अब इसे पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। इस अधिसूचना का पालन कराने में भी राज्य सरकार असफल साबित हुई थी, नतीजतन मानकों के विपरीत पॉलिथीन का निर्माण व विक्रय जारी रहा। हाल ही में एनजीटी ने भी गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए प्लास्टिक कैरीबैग को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था।